नई एक्सप्रेसवे परियोजनाओं में छिपे अवसरों को भुनाने के लिए आगे आए उद्योग जगत: गडकरी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अभी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के पास 480 ऐसी सुरक्षित और बैंक से लोन लेने के योग्य परियोजनाएं हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। एक्सप्रेसवे परियोजनाओं में अपार अवसर हैं। इनके साथ वैकल्पिक ईंधन, इलेक्ट्रिक हाईवे और चार्जिग स्टेशन जैसे कई नए क्षेत्रों में मौके बनेंगे। उद्योग जगत को इन संभावनाओं को भुनाने के लिए आगे आना चाहिए। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को यह बात कही। उन्होंने ऐसी 22 नई परियोजनाओं का जिक्र किया। उद्योग संगठन फिक्की की ओर से ‘फ्यूचर फ्यूल्स फॉर ट्रांसपोर्टेशन’ विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एलएनजी समेत कुल 2,000 पेट्रोल पंप खोलने की योजना तैयार है।
गडकरी ने कहा, ‘हम दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे समेत 22 नई एक्सप्रेसवे परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। इन 22 में से सात का काम शुरू हो गया है। इन परियोजनाओं में उद्योग जगत के लिए अपार अवसर हैं। अगर कंपनियां आगे आएं तो हम उन्हें मौका दे सकते हैं। विशेषतौर पर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को हम तीन साल के भीतर पूरा करने की योजना बनाकर चल रहे हैं।’
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर एक इलेक्टिक हाईवे स्ट्रेच बनाने की योजना है। एक लाख करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि वह अगले महीने स्वीडन जाकर ई-हाईवे के बारे में जानकारी लेंगे। उन्होंने हाईवे को ई-हाईवे बनाने की दिशा में निवेश के लिए कंपनियों का स्वागत किया।
गडकरी ने आगे कहा, ‘रिजर्व बैंक ने सुनिश्चित किया है कि हमें 30 साल के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर लोन लेने की अनुमति मिलेगी। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद लोन चुकाने में दो साल की छूट दी जाएगी। तीन साल बाद जब टोल संग्रह शुरू होगा, तब हम एक एस्क्रो अकाउंट खोल देंगे। इस अकाउंट में निश्चित राशि जमा कराई जाएगी।’
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अभी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के पास 480 ऐसी सुरक्षित और बैंक से लोन लेने के योग्य परियोजनाएं हैं। एसबीआइ की तरह पांच अन्य बैंकों ने भी परियोजनाओं के लिए पैसा देने की इच्छा जताई है। गडकरी ने कहा कि ट्रैफिक के हिसाब से एस्क्रो अकाउंट में पैसा जमा कराया जाएगा। एनएचएआइ का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में कुल आय 40,000 करोड़ रुपये रह सकती है। आने वाले वर्षो में आय एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।