Move to Jagran APP

गारमेंट निर्यात में बांग्लादेश से पिछड़ रहा है भारत

सिलेसिलाए परिधानों के निर्यात को लेकर देश में चिंता इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि अक्टूबर 2017 के बाद से इसमें लगातार कमी हो रही है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 12:03 PM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2018 03:00 PM (IST)
गारमेंट निर्यात में बांग्लादेश से पिछड़ रहा है भारत
गारमेंट निर्यात में बांग्लादेश से पिछड़ रहा है भारत

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश के निर्यात में सुधार होने के बावजूद गारमेंट का निर्यात लगातार ढलान पर है। फरवरी में भी इसमें 10.25 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। इसके विपरीत अंतरराष्ट्रीय परिधान बाजार में भारत के प्रतिस्पर्धी बांग्लादेश की हिस्सेदारी निरंतर बढ़ रही है। फरवरी 2018 तक के निर्यात आंकड़ों के मुताबिक इस महीने देश से 1.44 अरब डॉलर के परिधानों का निर्यात किया गया। जबकि बीते वर्ष इसी महीने 1.60 अरब डॉलर के परिधान निर्यात किये गये थे।

loksabha election banner

एपेरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन एच. के. एल. मागू के मुताबिक निर्यात की रफ्तार घटने का असर सिलेसिलाए वस्त्रों के निर्माण उद्योग पर भी हो रहा है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से फरवरी 2018 तक 15.22 अरब डॉलर के परिधानों का निर्यात हुआ जो बीते साल की इसी अवधि के मुकाबले 2.19 फीसद कम है। इसके मुकाबले बांग्लादेश परिधान निर्यात बाजार में भारत को लगातार पटखनी दे रहा है।

मागू बताते हैं कि जुलाई 2017 से फरवरी 2018 की अवधि में बांग्लादेश के परिधान निर्यात में 8.68 फीसद की वृद्धि हुई है। बांग्लादेश के एक्सपोर्ट ब्यूरो के मुताबिक इस अवधि में बांग्लादेश से 20.25 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था। ऐसी स्थिति में अमेरिका की तरफ से डब्लूटीओ में निर्यात सब्सिडी को लेकर भारत के खिलाफ दर्ज शिकायत ने विदेश में अफरातफरी मचा दी है। मागू ने कहा कि काउंसिल इस बात को लेकर बेहद गंभीर और भविष्य को लेकर चिंतित है।

सिलेसिलाए परिधानों के निर्यात को लेकर देश में चिंता इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि अक्टूबर 2017 के बाद से इसमें लगातार कमी हो रही है। अक्टूबर में तो सिलेसिलाए परिधानों के निर्यात में 39.32 फीसद की गिरावट आई थी। इससे पूर्व जून और जुलाई 2017 में भी इन उत्पादों का निर्यात कम हुआ था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.