भारत की खाद्य सुरक्षा योजनाएं पूरी तरह सुरक्षित
वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु की अगुवाई वाली भारतीय टीम जी-33 ग्रुपिंग के साथ सहयोग में खाद्य सुरक्षा मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है
नई दिल्ली (पीटीआई)। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की मंत्रि-स्तरीय बैठक में खाद्यान्न भंडारण के मुद्दे का स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। हालांकि इस बीच अधिकारियों ने यह भी कहा है कि इसका भारत के खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं। गौरतलब है कि ब्यूनर्स आयर्स में डब्ल्यूटीओ की चार दिवसीय बैठक चल रही है।
व्यस्तता के बाद भी, 164 सदस्यीय विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) खाद्य सुरक्षा मुद्दे को हल करने के लिए एक आम जमीन तक पहुंचने में नाकाम रहा है, क्योंकि अमेरिका ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था।
इस बीच भारतीय अधिकारियों ने कहा कि भारत के खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम पूरी तरह सुरक्षित हैं क्योंकि 2014 में हमने जोर देकर कहा था कि शांति उपबंध, किसी संतोषजनक व स्थानीय समाधान पर सहमति बनने तक बना रहेगा। हमारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पूरी तरह सुरक्षित है। हालांकि अधिकारियों ने इस मुद्दे पर डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों में कोई सहमति नहीं बन पाने पर निराशा भी जताई।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु की अगुवाई वाली भारतीय टीम जी-33 ग्रुपिंग के साथ सहयोग में खाद्य सुरक्षा मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है क्योंकि यह दुनिया भर में 800 मिलियन लोगों की आजीविका के लिए महत्वपूर्ण है। वहीं भारत ने खाद्यान्न के सार्वजनिक भंडारण के स्थायी समाधान की जरूरत पर अपने रुख को कड़ा करते हुए कहा है कि अगर डब्ल्यूटीओ की मौजूदा मंत्री स्तरीय बैठक इसमें विफल रही तो इससे इस बहुपक्षीय संस्थान की साख प्रभावित होगी।