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जुलाई-सितंबर तिमाही में चालू खाता घाटा कम होकर 3.4 अरब डॉलर पर पहुंचा

जुलाई सितंबर की तिमाही (वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही) में भारत ने भारत का चालू खाता घटकर 3.4 अरब डॉलर हो गया है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.6 फीसदी है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 13 Dec 2016 10:16 PM (IST)Updated: Tue, 13 Dec 2016 10:21 PM (IST)
जुलाई-सितंबर तिमाही में चालू खाता घाटा कम होकर 3.4 अरब डॉलर पर पहुंचा

नई दिल्ली: जुलाई सितंबर की तिमाही (वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही) में भारत ने भारत का चालू खाता घटकर 3.4 अरब डॉलर हो गया है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.6 फीसदी है। बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में चालू खाता घाटा 8.5 अरब डॉलर यानी जीडीपी के 1.7 फीसदी के बराबर रहा था। हालांकि तिमाही-दर-तिमाही अधार पर चालू खाता घाटा बढ़ा है। यह इस साल अप्रैल-जून की पहली तिमाही में 0.3 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 0.1 फीसदी रहा था। आपको बता दें कि मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने भुगतान संतुलन के डेटा जारी किए हैं।

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चालू खाते का घाटा क्यों कम हुआ:

चालू खाते के घाटे में गिरावट की मुख्य वजह आलोच्य तिमाही में वस्तु व्यापार घाटे का कम होना बताया जा रहा है। इस अवधि में व्यापार घाटा कम होकर 25.6 अरब डॉलर पर रहा। आपको बता दें कि बीते साल की दूसरी तिमाही में वस्तु व्यापार घाटा 37.2 अरब डॉलर रहा था।

सेवा क्षेत्र से आमदनी घटी:

हालांकि सेवा क्षेत्र से प्राप्त होने वाली आमदनी में गिरावट देखने को मिली है। यह 17.8 अरब डॉलर से घटकर 16.3 अरब डॉलर पर आ गई है। आरबीआई के मुताबिक व्यक्तिगत रुप से विदेश से भेजे गए पैसे में दूसरी तिमाही में गिरावट देखने को मिली है। यह 10.7 फीसदी कम होकर 15.2 अरब डॉलर रह गया है।


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