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भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद, सेंसेक्स 443 और निफ्टी 151 अंक टूटा

ग्लोबल मार्केट से कमजोर संकेतों के असर से भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुए। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 443 अंक गिरकर 28353 के स्तर पर और निफ्टी 151 अंक टूटकर 8715 के स्तर पर बंद हुआ।

By MMI TeamEdited By: Published: Mon, 12 Sep 2016 03:57 PM (IST)Updated: Mon, 12 Sep 2016 04:00 PM (IST)
भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद, सेंसेक्स 443 और निफ्टी 151 अंक टूटा

नई दिल्ली। ग्लोबल मार्केट से कमजोर संकेतों के असर से भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुए। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 443 अंक गिरकर 28353 के स्तर पर और निफ्टी 151 अंक टूटकर 8715 के स्तर पर बंद हुआ। बाजार में आई बिकवाली का असर चौतरफा दिखा। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी 3 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए। सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर आईटी इंडेक्स को छोड़कर शेष सभी इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए। आईटी इंडेक्स 0.81 फीसदी बढ़कर बंद हुआ। जबकि सरकारी बैंक (4.74%), रियल्टी इंडेक्स(4.96%) और मेटल इंडेक्स (4.66%) में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली। इसके अलावा भी निजी बैंक, ऑटो, फार्मा इंडेक्स सभी 2 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए।

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दिग्गज शेयरों की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयरों में से 46 गिरावट के साथ और 5 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। सबसे ज्यादा गिरावट हिंडाल्को (8.81%), यस बैंक (6.01%), टाटा स्टील (5.74%), बैंक ऑफ बडौदा (5.73%) और अंबुजा सीमेंट (4.64%) के शेयरों में दिखी। वहीं बढ़त इंफोसिस, टेक महिंद्रा, विप्रो, टीसीएस और रिलायंस के शेयर में रही। सभी शेयर 0.23 फीसदी से 1.88 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुए।

तमाम एशियाई बाजारों में दिखी गिरावट

भारतीय शेयर बाजार की तरह ही अन्य एशियाई बाजारों में भारी बिकवाली देखने को मिली। जापान का इंडेक्स निक्केई 1.73 फीसदी की गिरावट के साथ, चीन का शंघाई1.88 फीसदी की गिरावट के साथ और हैंग सैंग 3.36 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए। वहीं यूरोपीय बाजार भी 1.5 से 2 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं।

क्यों आई गिरावट

तमाम एशियाई बाजार में आई बिकवाली की मुख्य वजह फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ बॉस्टन के प्रेसिडेंट इरिक रोसनग्रेन की ओर से आया बयान है। इरिक ने सुझाव दिया कि सितंबर महीने में अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ सकती हैं इस संभावना से अभी इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि फेडरल रिजर्व अर्थव्यवस्था में संतुलन बनाते हुए धीरे-धीरे ब्याज दरें बढ़ाने की शुरुआत कर सकता है।

विशेषज्ञ की राय

मिंट डायरेक्ट के हेड (रिसर्च) अविनाश गोरक्षकर का कहना है कि निफ्टी के लिहाज से 8650 का स्तर अहम होगा। अगर बाजार इस स्तर पर नहीं संभलता है तो गिरावट का खतरा बढ़ जाएगा और बाजार 8400-8500 के स्तर भी दिखा सकता है। ऐसे में आने वाले सत्रों में निफ्टी के इस स्तर पर नजर रखनी होगी।


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