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दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक पैकेजों में शामिल है पीएम द्वारा घोषित पैकेज, जानिए किन देशों का है हमसे अधिक

भारत का यह सम्मिलित आर्थिक पैकेज जीडीपी के प्रतिशत के हिसाब से जी-20 अर्थव्यवस्थाओं में पांचवां सबसे बड़ा आर्थिक पैकेज है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 02:23 PM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 08:05 AM (IST)
दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक पैकेजों में शामिल है पीएम द्वारा घोषित पैकेज, जानिए किन देशों का है हमसे अधिक

नई दिल्ली, पीटीआइ/बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अर्थव्यवस्था के लिए भारी-भरकम राहत पैकेज की घोषणा की है। यह सम्मिलित आर्थिक पैकेज दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक पैकेजों में से एक है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि उनके द्वारा घोषित पैकेज में पहले सरकार की ओर से दिये गए आर्थिक पैकेज और आरबीआई द्वारा दी गई राहत को मिला दिया जाए तो सरकार ने 2020 में 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। यह राशि देश की जीडीपी के 10 फीसद के बराबर है। कोरोना वायरस प्रकोप और लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान की भरपाई ओर देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पीएम ने इस पैकेज की घोषणा की है।

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पांचवां सबसे बड़ा आर्थिक पैकेज

भारत का यह सम्मिलित आर्थिक पैकेज जीडीपी के प्रतिशत के हिसाब से जी-20 अर्थव्यवस्थाओं में पांचवां सबसे बड़ा आर्थिक पैकेज है। द वीक की रिपोर्ट के अनुसार,  सबसे बड़ा आर्थिक पैकेज जापान का है, जो उसकी जीडीपी के 21.1 फीसद के बराबर है। इसके बाज यूएस का आर्थिक पैकेज है, जो उसकी जीडीपी के 13.3 फीसद के बराबर है। ऑस्ट्रेलिया का आर्थिक पैकेज उसकी जीडीपी के 10.8 फीसद के बराबर है। वहीं, जर्मनी का आर्थिक पैकेज उसकी जीडीपी के 10.7 फीसद के बराबर है।

पैकेज में पिछले राहत उपाय भी शामिल

20 लाख करोड़ के इस राहत पैकेज में मार्च महीने में घोषित 1.7 लाख करोड़ रुपये का पैकेज और रिजर्व बैंक के तरलता उपाय व ब्याज दरों में कटौती के राहत उपाय शामिल है। मार्च में घोषित राहत पैकेज जीडीपी के 0.8 फीसद के बराबर था। वहीं, आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती व तरलता बढ़ाने के उपाय कुल जीडीपी के 3.2 फीसद (6.5 लाख करोड़ रुपये) के बराबर थे।

देश की जीडीपी के 10 फीसद के बराबर है पैकेज

प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस महामारी पर अपने तीसरे राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, 'भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की जा रही है। कोरोना संकट के दौरान सरकार द्वारा पहले की राहत घोषणाओं और आरबीआई द्वारा घोषित राहत उपायों के साथ यह पैकेज कुल 20 लाख करोड़ रुपये का है, जो कि देश की जीडीपी के करीब 10 फीसद के बराबर है।' गौरतलब है कि देश में 25 मार्च से ही देशव्यापी लॉकडाउन लागू है, जिसे दो बार बढ़ाया जा चुका है। तीसरे चरण का लॉकडाउन 17 मई को समाप्त हो रहा है। पहले दो चरणों के लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह बाधित हुई हैं।

पैकेज में अब मिल सकते हैं अतिरिक्त 12 लाख करोड़ रुपये

पीएम ने कहा कि इस पैकेज में भूमि, मजदूरों, तरलता और कानूनों पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कुटीर उद्योंगों, एमएसएमई, मध्यम वर्ग और बड़े उद्योगों सहित विभिन्न सेक्टर्स को राहत प्रदान करेगा। हालांकि, प्रधानमंत्री ने पैकेज के बारे में अधिक जानकारी नहीं देकर यह कहा कि आने वाले दिनों में वित्त मंत्री इस बारे में बताएंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार शाम एक प्रेस कांफ्रेंस भी आयोजित की है। अगर हम पिछले आकड़ों को देखें, तो ऐसा लगता है कि पैकेज के तहत 12 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि अर्थव्यवस्था में डाली जाएगी।


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