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2018-19 में GDP के 7.2% रहने का अनुमान, FY 2018 में 6.7% रही ग्रोथ रेट: CSO

अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी के करीब 7 फीसद रहने का अनुमान लगाया है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 05:58 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 06:54 PM (IST)
2018-19 में GDP के 7.2% रहने का अनुमान, FY 2018 में 6.7% रही ग्रोथ रेट: CSO

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7 फीसद से अधिक रहने की उम्मीद है।

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सरकार के जारी अनुमान के मुताबिक कृषि और मैन्युफैक्यरिंग सेक्टर के प्रदर्शन में सुधार से ग्रोथ रेट (वृद्धि दर) को बल मिलेगा। 2018-19 के लिए पहली बार राष्ट्रीय आय के अनुमान को जारी करते हुए सीएसओ (केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय) ने कहा, ‘2018-19 के दौरान जीडीपी के 7.2 फीसद रहने का अनुमान है, जो 2017-18 के 6.7 फीसद से अधिक है।’

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वास्तविक जीवीए (ग्रॉस वैल्यू एडेड) के चालू वित्त वर्ष में 7 फीसद रहने का अनुमान है, जो 2017-18 में 6.5 फीसद था।’

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश की जीडीपी 7.6 फीसद की दर से आगे बढ़ी है। इस रफ्तार के मुताबिक सीएसओ को उम्मीद है कि अक्टूबर से मार्च के बीच जीडीपी की रफ्तार 6.8 फीसद रहेगी।

सीएसओ डेटा के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में कृषि, वानिकी और मत्स्यपालन की रफ्तार पिछले वित्त वर्ष के 3.4 फीसद से बढ़कर 3.8 फीसद रहने की उम्मीद है। वहीं मैन्युफैक्चरिंग की रफ्तार पिछले वित्त वर्ष के 5.7 फीसद के मुकाबले 8.3 फीसद रहने की उम्मीद है। 

गौरतलब है कि 2016-17 में देश की जीडीपी 7.1 फीसद रही थी जबकि 2015-16 में यह 8.2 फीसद रही थी।
सीएसओ की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी के 7.2 फीसद रहने का अनुमान है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी के करीब 7 फीसद रहने का अनुमान लगाया है। इससे पहले आरबीआई ने अपने अनुमान में जीडीपी के 7.4 फीसद रहने का जिक्र किया था। आरबीआई ने कहा था कि खपत में कमी और कर्ज उठान में मंदी की वजह से देश की आर्थिक रफ्तार धीमी पड़ सकती है।

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