सरकार ने भारी डिस्काउंट देने पर E-commerce कंपनियों को चेताया, छोटे व्यवसायियों के हितों से नहीं होगा समझौता
भारत सरकार ने Walmart की Flipkart और amazon जैसी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को बड़ी मात्रा में discount देने को लेकर चेताया है। सरकार ने 1 फरवरी से नए FDI नियम लागू किये हैं।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत सरकार ने वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को बड़ी मात्रा में डिस्काउंट देने को लेकर चेताया है। सरकार ने चेतावनी दी है कि इन कंपनियों को डिस्काउंट देते समय हर हाल में एफडीआई नियमों को ध्यान में रखना होगा।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ मंगलवार को एक बैठक की थी। इसी बैठक में उन्होंने इन कंपनियों को यह बात कही। गोयल ने बैठक में कहा कि सरकार नए एफडीआई नियमों पर कंपनियों की समस्याओं को सुनने के लिए तैयार है, लेकिन वह छोटे और मंझोले उद्यमियों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगी।
एक्सक्लूसिव डिस्काउंट नहीं दे सकती कोई कंपनी
भारत सरकार ने हजारों छोटे व्यापारियों की मदद के लिए एक फरवरी से नया एफडीआई नियम लागू किया है। नए नियमों के अनुसार, कोई कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर किसी प्रोडक्ट के ऊपर एक्सक्लूसिव डिस्काउंट नहीं दे सकती। इसके अलावा वे ऐसी कंपनियों के प्रोडक्ट भी नहीं बेच सकती हैं, जो सिर्फ उनके ही प्लेटफॉर्म पर पायी जाएं। इसके बावजूद छोटे व्यवसायियों और सत्तारूढ़ दल के करीबी दक्षिणपंथी समूह का कहना है कि अभी भी कई ईश्यूज बाकी हैं जिन पर काम होना है।
नियमों में मौजूद कमियों का फायदा उठा रही कंपनियां
छोटे व्यापारियों का कहना है कि, नए एफडीआई नियमों के बावजूद ई-कॉमर्स कंपनियां भारी डिस्काउंट दे रही हैं। वे नियमों में मौजूद कमियों का फायदा उठाकर डिस्काउंट देती हैं। उधर, वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट और अमेजन का कहना है कि वे कहीं भी एफडीआई नियमों को नहीं तोड़ रही हैं। दोनों ही कंपनियों ने कहा है कि उनकी वाणिज्य मंत्री से बातचीत पॉजिटिव रही है और वे सरकार के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं।
अमेरिका के साथ बढ़ेगा व्यापारिक तनाव
वाणिज्य मंत्री का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत दौरे पर हैं। इससे दोनों देशों में व्यापारिक तनाव और बढ़ सकता है। बता दें कि अमेरिका भारत के एफडीआई नियमों की आलोचना करता रहा है। अमेरिका को लगता है कि नई एफडीआई नीतियों से उसकी कंपनियों को नुकसान होगा।
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