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अमेरिका में बढ़ रहा भारतीय वस्तुओं का दबदबा, दिसंबर में अमेरिका को होने वाला निर्यात 14.2 फीसद बढ़ा

अमेरिका के बाजार में भारतीय वस्तुओं की मांग तेजी से बढ़ी है। यही वजह है कि पिछले चार महीनों से अमेरिका को होने वाला भारतीय निर्यात लगातार बढ़ रहा है। गत दिसंबर में यह बढ़ोतरी एक वर्ष पहले की समान अवधि के मुकाबले 14.2 फीसद रही।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 10:36 AM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 10:36 AM (IST)
अमेरिका, भारत का प्रमुख व्यापारिक साझीदार है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अमेरिका के बाजार में भारतीय वस्तुओं की मांग तेजी से बढ़ी है। यही वजह है कि पिछले चार महीनों से अमेरिका को होने वाला भारतीय निर्यात लगातार बढ़ रहा है। गत दिसंबर में यह बढ़ोतरी एक वर्ष पहले की समान अवधि के मुकाबले 14.2 फीसद रही। हालांकि कोरोना महामारी की वजह से पिछले साल अप्रैल से लेकर अगस्त तक अमेरिका को होने वाला निर्यात घटा। इसके चलते चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में अमेरिका को होने वाला निर्यात 11.3 फीसद गिर गया। 

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अमेरिका से होने वाले आयात में भी इस अवधि के दौरान 20.1 फीसद की गिरावट रही। इस अवधि में भारत ने अमेरिका को 51.19 अरब डॉलर (करीब 3.69 लाख करोड़ रुपये) मूल्य का निर्यात किया, जबकि वहां से आयात 27.39 अरब डॉलर मूल्य का रहा।यूएस सेंसस ब्यूरो के मुताबिक बीते दिसंबर में भारत ने अमेरिका में 4.89 अरब डॉलर (करीब 35,208 करोड़ रुपये) मूल्य का निर्यात किया। दिसंबर, 2019 में यह निर्यात 4.28 अरब डॉलर मूल्य का था। वहीं, बाते दिसंबर में अमेरिका से आयात 2.78 अरब डॉलर मूल्य का रहा, जो 2019 के दिसंबर के मुकाबले 7.4 फीसद कम है। यूएस सेंसस ब्यूरो के मुताबिक अमेरिका के साथ व्यापार में भारत सरप्लस में है यानी अमेरिका से आयात के मुकाबले वहां निर्यात ज्यादा हो रहा है।

कू की पैरेंट कंपनी में हिस्सा बेचेगा चीनी निवेशक

इसी बीच खबर आ रही है कि भारत की माइक्रोब्लॉगिंग साइट कू की पैरेंट कंपनी में चीन का निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेच बाहर निकल रहा है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। समाचार एजेंसी पीटीआइ की एक रिपोर्ट के मुताबिक कू के सह-संस्थापक एवं सीईओ अपरामेय राधाकृष्ण ने कहा कि कुछ अन्य निवेशकों ने चीन के निवेशक की नौ फीसद हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जाहिर की है।

भारत सरकार और ट्विटर के बीच तनातनी के बाद कू को खासी चर्चा मिली है। इसके बाद से कू को 30 लाख से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है इसके सक्रिय यूजर की संख्या 10 लाख से अधिक पर पहुंच गई है। कू के प्रमुख निवेशकों में एस्सेल पार्टनर्स, 3वन4 कैपिटल, ब्लूम वेंचर्स और कलारी कैपिटल्स शामिल हैं। चीन की ग्लोबल वेंचर कैपिटल कंपनी शुनवे ने कू की पैरेंट कंपनी बांबीनेट में निवेश किया है। राधाकृष्ण ने कहा शुनवे ने उनके सवाल जवाब से संबंधित एप वोकल में निवेश की इच्छा जाहिर की थी। उस वक्त कू कहीं अस्तित्व में भी नहीं था।

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