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तेजी से सामान्य होने की तरफ भारतीय अर्थव्यवस्था, तीसरी तिमाही में ही पॉजिटिव हो सकेगी GDP ग्रोथ रेट

India GDP कोविड से पस्त इकोनॉमी को सुधारने में युद्ध स्तर पर जुटी केंद्र सरकार को अब यह उम्मीद होने लगी है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2020) में जीडीपी की दर सकारात्मक हो जाएगी।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 12:50 PM (IST)Updated: Sat, 14 Nov 2020 08:09 AM (IST)
तेजी से सामान्य होने की तरफ भारतीय अर्थव्यवस्था, तीसरी तिमाही में ही पॉजिटिव हो सकेगी GDP ग्रोथ रेट
जीडीपी के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: ANI

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोविड से पस्त इकोनॉमी को सुधारने में युद्ध स्तर पर जुटी केंद्र सरकार को अब यह उम्मीद होने लगी है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर, 2020) में जीडीपी की दर सकारात्मक हो जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि इकोनॉमी तेजी से सामान्य होने की तरफ बढ़ रही है। वित्त मंत्री के इस भरोसे के पीछे बुधवार को आरबीआइ की तरफ से और गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज की रिपोर्ट भी वजह है।

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आरबीआइ ने पहले कहा था कि चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च, 2021 में इकोनॉमी की विकास दर शून्य से ज्यादा होगी जबकि अब वह एक तिमाही पहले ही इसकी बात कह रही है। दूसरी तरफ मूडीज ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति पहले के अनुमान से बेहतर कर रही है।

सीतारमण ने कहा कि, ''बहुत ही कठोर व लंबे लॉकडाउन के बाद साफ संकेत मिल रेह हैं कि देश की इकोनॉमी मजबूती की राह पर है। कोविड से प्रभावित लोगों की संख्या भी तेजी से घट रही है तो जीएसटी संग्रह बढ़ (अक्टूबर में 10 फीसद का इजाफा) रहा है, ऊर्जा की खपत (12 फीसद सालाना) तेज हुई है, अप्रैल से अगस्त में एफडीआइ में 13 फीसद की तेज वृद्धि हुई है, विदेशी मुद्रा भंडार रिकार्ड स्तर पर है, बैंक क्रेडिट भी (5.1 फीसद) बढ़ा है। कई अर्थविदों ने भी कहा है कि यह सुधार सिर्फ मांग बढ़ने की वजह से नहीं दिखाई दे रही है बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था में मजबूती आने से हालात बेहतर हो रहे हैं।''

वित्त मंत्री ने आरबीआइ की नई मासिक रिपोर्ट का भी हवाला दिया है जिसमें तीसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर के सकारात्मक (शून्य से ज्यादा) होने की बात कही गई है। पिछली मौद्रिक नीति पेश करते समय आरबीआइ ने जो रिपोर्ट जारी की थी उससे एक तिमाही पहले हालात सुधरने का अनुमान लगाया गया है। जुलाई से सितंबर की तिमाही में इकोनॉमी में 8.6 फीसद की गिरावट होने की बात इस रिपोर्ट में है।

सनद रहे अप्रैल से जून की तिमाही मे 23.9 फीसद की गिरावट हुई थी। इस तरह से लगातार दो तिमाही में इकोनॉमी में गिरावट होगी। पिछले कई दशकों में ऐसी स्थिति नहीं देखी गई है। बहरहाल, आरबीआइ की यह रिपोर्ट बताती है कि स्थिति पहले के अनुमान के मुकाबले ज्यादा तेजी से सामान्य होगी।

कुछ इसी तरह का इशारा रेटिंग एजेंसी मूडीज की नई रिपोर्ट भी करती है। मूडीज ने कैलेंडर वर्ष 2020 (जनवरी-दिसंबर) के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में 8.9 फीसद की गिरावट होने की बात कही है। यह एजेंसी के पहले के अनुमानों से बेहतर स्थिति है। वर्ष 2021 के लिए भी मूडीज ने भारत के लिए विकास दर के अपने अनुमानों को 8.1 फीसद से बेहतर कर 8.6 फीसद कर दिया है। मूडीज ने कहा है कि भारत में कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की संख्या कम होने लगी है लेकिन पूरे देश पर इसका असर लंबे समय तक रहेगा।


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