भारत में आर्थिक सुधारों की रफ्तार तेज, अर्थव्यवस्था में हो रहा लगातार सुधार: विश्व बैंक
World Bank Says Faster Implementation of Reforms will Help in India Growth विश्व बैंक के मुताबिक भारत में आर्थिक सुधारों की रफ्तार तेज हो रही है और वर्तमान में चल रहे सुधार एजेंडे को तेजी से लागू करने से वृद्धि को बढ़ाया जा सकता है। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हाल में विश्व बैंक ने एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारत की संभावित वृद्धि को बढ़ाने की बात की गई है। विश्व बैंक ने कहा है कि पहले से चल रहे सुधार एजेंडे को तेजी से लागू करने से वृद्धि को बढ़ाया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 से पहले के दशक में, उत्पादकता में वैश्विक मंदी पहले से ही दीर्घकालिक आर्थिक संभावनाओं के बारे में चिंताएं बढ़ा रही थी, लेकिन लगातार आर्थिक सुधारों की रफ्तार तेज होने से अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कोरोनोवायरस महामारी ने कैपिटल रिवर्सल को ट्रिगर किया गया है, जिससे निवेश वृद्धि कमजोर हो रही है और वैश्विक श्रम शक्ति धीमी रफ्तार से बढ़ रही है। हालांकि, विश्व बैंक ने कहा है कि भारत में निवेश वृद्धि 2000-10 में वार्षिक औसत 10.5 प्रतिशत से घटकर 2011-21 में 5.7 प्रतिशत हो गई।
GDP ग्रोथ रेट में दिख सकता असर
कहा जा रहा है कि 2030 तक GDP ग्रोथ रेट प्रति वर्ष 2.2 प्रतिशत के निचले स्तर तक गिरने की उम्मीद है, जो 2011-21 में 2.6 प्रतिशत थी। विश्लेषण से पता चलता है कि अगर देश विकास की नीतियों को अपनाता है तो सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को 0.7 प्रतिशत अंकों तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही, भारत में वित्तीय क्षेत्र के संकट के परिणाम को महत्वपूर्ण विकास के जरिए अनलॉक किया जा सकता है।
इन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत
विश्व बैंक के रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के पास बाकी देशों की तुलना में एक कम विकसित वित्तीय प्रणाली है और इसमें राज्य की भारी उपस्थिति है। ऐसे में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की भूमिका को और मजबूत बनाने के लिए सुधार किए जा सकते हैं। इसके लिए बैंकिंग क्षेत्र और पूंजी बाजार के विकास को बढ़ावा देना होगा।
दूसरी तरफ, नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन पर टास्क फोर्स द्वारा सुझाए गए सुधारों को लागू किया जाना चाहिए। इसमें बिजली, सड़क, रेल नेटवर्क और व्यापारके लिए प्रशासनिक आवश्यकताओं पर ध्यान देने की जरूरत है।