Lakshmi Vilas Bank पर आरबीआई की पाबंदियों से मर्जर प्लान पर नहीं होगा कोई असर: इंडियाबुल्स
Lakshmi Vilas Bank इंडियाबुल्स ने लक्ष्मी विलास बैंक के साथ विलय की मंजूरी लेने के लिए मई में आरबीआई के समक्ष आवेदन किया था।
मुंबई, पीटीआइ। इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस ने कहा है कि रिजर्व बैंक द्वारा लक्ष्मी विलास बैंक पर पाबंदियों की घोषणा का असर विलय से जुड़ी प्रक्रिया पर नहीं पड़ेगा। इसी साल अप्रैल में इंडियाबुल्स ने लक्ष्मी विलास बैंक के साथ विलय का ऐलान किया था। केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने के आखिर में निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक पर त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन्स) करते हुए प्रतिबंधों की घोषणा की थी। इसके बाद सोमवार को बैंक के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी।
इंडियाबुल्स ने लक्ष्मी विलास बैंक के साथ विलय की मंजूरी लेने के लिए मई में आवेदन किया था। इंडियाबुल्स के वाइस प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर गगन बंगा ने ताजा स्थिति के बारे में निवेशकों से बात की। उन्होंने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक को पीसीए की निगरानी में रखा गया है। बंगा के मुताबिक उसके लिए यह एक मौका है। इसके तहत वह रिजर्व बैंक को भी अन्य रेगुलटरों से इस पर अंतिम फैसला लेने के लिए थोड़ा और समय दे पाएगा। बंगा ने कहा कि यह कोई अंत नहीं है और वह विलय के प्रस्ताव को लेकर बहुत पॉजिटीव हैं।
उन्होंने कहा कि अक्टूबर के आखिर तक इंडियाबुल्स को आरबीआई की ओर से इस बारे में प्रतिक्रिया मिल जाएगी और सबकुछ सकारात्मक रहने पर चालू वित्त वर्ष के आखिर तक प्रक्रिया पूरी हो जाने की उम्मीद है।
बंगा ने कहा कि कंपनी के पास 30 जून, 2019 को तीन अरब डॉलर की नकदी थी।
आरबीआई ने फंसे हुए कर्ज के उच्च स्तर, रिस्क मैनेजमेंट के लिए जरूरी पूंजी की कमी की वजह से लक्ष्मी विलास को पीसीए फ्रेमवर्क में डाला है। इस कार्रवाई के साथ ही एलवीबी नया कर्ज नहीं दे पाएगा और ना ही नई शाखाएं खोल पाएगा।