आने वाले सालों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा भारत: श्रृंगला
नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता और राजनीतिक स्थिरता के कारण ही यह हो सका है कि केवल पांच सालों (2014-19) में ही भारत 2000 से 3000 अरब डॉलर की इकोनॉमी तक पहुंच गया। PC Pixabay
वाशिंगटन, पीटीआइ। भारत सरकार का देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकॉनोमी बनाने का सपना आने वाले सालों में जरूर पूरा होगा। अमेरिका में भारत के राजदूत हर्ष वर्धन श्रृंगला ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि भारत को 2,000 अरब डॉलर की इकॉनोमी से 3,000 अरब डॉलर की इकोनॉमी बनने में सिर्फ पांच साल लगे हैं। श्रृंगला ने कहा कि जब साल 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, उस समय भारत दुनिया में 11 वीं बड़ी इकोनॉमी था और पांच साल में ही भारत दुनिया की पांचवीं या छठी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गया है। श्रृंगला सेंट्रल पेन्सिलवेनिया के एशियाई-भारतीय अमेरिकियों के सालाना कार्यक्रम में बोल रहे थे।
श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता और राजनीतिक स्थिरता के कारण ही यह हो सका है कि केवल पांच सालों (2014-19) में ही भारत 2,000 से 3,000 अरब डॉलर की इकोनॉमी तक पहुंच गया। उन्होंने कार्यक्रम में बताया कि भारत के प्रधानमंत्री साल 2024 तक देश को 5,000 अरब डॉलर की इकॉनोमी बनाना चाहते हैं। अर्थात अगले पांच सालों में इकॉनोमी में 2,000 अरब डॉलर का इजाफा करने का लक्ष्य रखा गया है।
श्रृंगला ने कहा कि जल्द ही भारत के पास वर्ल्ड की सबसे प्रोडक्टिव वर्कफोर्स होगी। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में ऐसा तीसरा देश है जिसने मंगल ग्रह पर अपना उपग्रह भेजा है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस मिशन में कार्यरत वैज्ञानिकों की औसत आयु 29 साल थी। उन्होंने कहा, 'भारत ने दुनिया के देशों के साथ मजबूत संबंध बनाए हैं। भारत ने हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ रिश्तों को मजबूत करने के लिये हाथ बढ़ाया है और भारत-अमेरिका के बीच मजबूत संबंध इसका उदाहरण है।'
श्रृंगला ने कार्यक्रम में एशियाई-भारतीय अमेरिकियों को संबोधित करते हुए कहा कि बीते 10 से 15 सालों में संबंध बहु-आयामी और व्यापक हुए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका आज भारत का केवल सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार ही नहीं है, बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच बेहतर रिश्ते भी बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसके पीछे भारतीय-अमेरिकियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।