भारत को अगले 20 वर्षों में होगी 2100 यात्री विमानों की जरूरत
एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में अगले बीस साल में 41030 विमानों की मांग आएगी
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत अगले दो दशकों में 290 अरब डॉलर की कीमत के 2100 विमान खरीदेगा। विमान बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोइंग ने भारत के लिए यह अब तक का सर्वाधिक अनुमान लगाया है। भारत का हिस्सा पूरी दुनिया में खरीदे जाने वाले विमानों में 5.1 फीसद होगा। बोइंग ने सोमवार को वर्तमान एविएशन बाजार के परिदृश्य की एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके मुताबिक पूरी दुनिया में अगले बीस साल में 41030 विमानों की मांग आएगी।
कंपनी के मुताबिक भारत को जितने विमानों की आवश्यकता होगी उसमें 85 फीसद नए जहाज छोटे और सस्ते किराये वाली विमान कंपनियों की तरफ से आएगी। ये कंपनियां 60 फीसद उड़ानें संचालित करती हैं। बोइंग कॉमर्शियल एयरप्लेन के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (एशिया पेसिफिक एंड इंडिया सेल्स) दिनेश केसकर ने बताया कि रुपये की मजबूती, सस्ते ईंधन और घरेलू विमानन क्षेत्र में बढ़ती यात्रियों की संख्या भारतीय एविएशन उद्योग की तेज रफ्तार की वजह बन रही है।
बोइंग ने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम का लाभ भी उसे मिलेगा। इस स्कीम के पूरी तरह लागू हो जाने के बाद जब इन मार्गो पर यात्रियों की संख्या में इजाफा होगा तब 70 सीट वाले छोटे विमानों की जगह बोइंग 737 जैसे बड़े विमान ले लेंगे। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम में नए मार्ग भी शामिल होंगे जिससे इसका विस्तार होगा।
अगले चार-पांच साल में इन मार्गो पर यात्रियों की संख्या में होने वाला इजाफा बोइंग 737 को व्यावहारिक बना देगा। केसकर ने कहा कि बोइंग को उम्मीद है कि अगर यह स्कीम सफल होती है तो उसका सबसे बड़ा लाभ उन्हें होगा। दक्षिण एशिया में यात्रियों की संख्या में आठ फीसद की दर से वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है जबकि चीन में यह दर 6.2 फीसद रहेगी।