टैक्स चोरी रोकने को एक साथ आए भारत और हॉन्ग कॉन्ग, किया अहम समझौता
भारतीय आयकर कानून 1961 के सेक्शन 90 के मुताबिक भारत दोहरे कराधान को रोकने के लिए किसी अन्य देश या फिर सीमा क्षेत्र के साथ करार कर सकता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत और हॉन्ग कॉन्ग ने दोहरे कराधान से बचने के लिए एक संधि पत्र हस्ताक्षर किए हैं जिसका उद्देश्य कर चोरी को रोकना और निवेश प्रवाह को बढ़ावा देना है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि दोहरे कराधान से बचने और वित्तीय चोरी पर लगाम लगाने के लिए किया गया यह करार निवेश प्रवाह, तकनीक और विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (एचकेएसएआर) के कर्मियों से भारत से हॉन्ग कॉन्ग और हॉन्ग कॉन्ग से भारत आवाजाही में इजाफा करेगा।
क्या होगा फायदा: यह दोहरे कराधान को रोक देगा और दोनों देशों के बीच सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए मार्ग भी उपलब्ध करावाएगा। इस बयान में आगे कहा गया इससे कर मामलों में पारदर्शिता आएगी और कर चोरी को रोकने में मदद मिलेगी।
भारतीय आयकर कानून 1961 के सेक्शन 90 के मुताबिक भारत दोहरे कराधान को रोकने के लिए किसी अन्य देश या फिर सीमा क्षेत्र के साथ करार कर सकता है और कर चोरो को रोकने के लिए सूचनाओं का आदान प्रदान भी कर सकता है।
नांजिया एंड कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर राकेश नांजिया ने बताया कि दोहरा कराधान बचाव समझौता (डीटीएए) उन 1,500 भारतीय कंपनियों और व्यवसायों को दोहरे कराधान से संरक्षण प्रदान करेगा जो कि हॉन्ग कॉन्ग में कार्यरत हैं, साथ ही यह हॉन्ग कॉन्ग की उन कंपनियों को भी फायदा दिलाएगा जो कि भारत में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह कर दरों और कर न्यायालय के संबंध में व्यवसायों को स्पष्टता प्रदान करेगा।