ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में फिसला, मगर आईटी सर्विस में भारत का रुतबा बरकरार
अपने 11वें संस्करण में जीआईआई ने 126 अर्थव्यवस्थाओं को 80 इंडीकेटर के आधार पर वर्गीकृत किया है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत ने आईटी सेवाओं के शीर्ष निर्यातक के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखते हुए दुनिया की सबसे नवीन अर्थव्यवस्थाओं के सूचकांक में अपनी रैंकिंग में थोड़ा सुधार किया है। हालांकि भारत बिजनेस करने में सहूलियत, राजनीतिक स्थिरता एवं सुरक्षा और कार्यबल में उन्नत डिग्री वाले महिला कर्मचारियों के मामले में पिछड़ा भी है। भारत लगातार दूसरे साल आईटी सर्विस निर्यातकों की लिस्ट में पहले स्थान पर रहा है।
द ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) रैंकिंग जिसे हर साल कॉर्नेल विश्वविद्यालय की ओर से प्रकाशित किया जाता है, इन्सिएड (INSEAD) और संयुक्त राष्ट्र विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) एवं जीआईआई नॉलेज पार्टनर्स ने इस वर्ष भारत को 57वें स्थान पर रखा है। साल 2017 में भारत को 60वां स्थान मिला था।
भारत ने मध्य और दक्षिणी एशिया क्षेत्र में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। हालांकि, यह उल्लेखनीय है कि भारत आईटी सेवाओं का शीर्ष निर्यातक है और ऐसे देश के भीतर सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों का उपयोग करता है जो कि एक गरीब देश है। भारत आईटी असेस के मामले में 105वें स्थान पर और आईटी यूज के मामले में 110वें स्थान पर है। मध्यम आय वर्ग वाली अर्थव्यवस्थाओं में जीआईआई रैंकिंग में पांचवें स्थान पर आ गया है।
अपने 11वें संस्करण में जीआईआई ने 126 अर्थव्यवस्थाओं को 80 इंडीकेटर के आधार पर वर्गीकृत किया है जिसमें बौद्धिक संपदा फाइलिंग की दरें, मोबाइल एप्लिकेशन निर्माण, शिक्षा और वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रकाशनों के लिए किया जाने वाला खर्च शामिल है। भारत ने कई पैमानों पर बेहतर प्रदर्शन किया है लेकिन कुछ श्रेणियों में उसका प्रदर्शन कमजोर भी रहा है। राजनीतिक स्थिरता एवं सुरक्षा के मामले में भारत को 110वीं रैंक, नियामकीय गुणवत्ता में 91वीं रैंक, टैरिफ रेट लागू करने के मामले में 96वीं रैंक और स्थानीय प्रतिस्पर्धा की तीव्रता के मामले में भारत को 93वां स्थान हासिल हुआ है।