एआइआइबी से सबसे ज्यादा कर्ज भारत ने लिया, सबसे ज्यादा हिस्सेदारी चीन की
वित्त मंत्री ने भारत जैसे विकासशील एशियाई देशों में इंफ्रास्ट्रक्चर की बेहतरी के लिए बैंक की तरफ से 10 अरब डॉलर की खास तौर पर तारीफ की।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन के आधिपत्य वाले वित्तीय संस्थान एआइआइबी से सबसे ज्यादा कर्ज भारत ने ही लिया है। एआइआइबी की स्थापना करने में चीन की सबसे अहम भूमिका रही है और इसमें इसकी सबसे ज्यादा वोटिंग शेयर 26 फीसद की है। मंगलवार को इसके बोर्ड ऑफ गवर्नर की पांचवी सालाना बैठक थी जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी संबोधित किया है।
वित्त मंत्री ने भारत जैसे विकासशील एशियाई देशों में इंफ्रास्ट्रक्चर की बेहतरी के लिए बैंक की तरफ से 10 अरब डॉलर की खास तौर पर तारीफ की। एआइआइबी की तरफ से जो आंकड़े दिए गए हैं उसके मुताबिक पिछले 12 महीनों में भारत ने सबसे ज्यादा 203.5 करोड़ डॉलर की मदद ली है। दूसरे स्थान पर तुर्की है लेकिन उसने भारत से आधी 105.6 अरब डॉलर की मदद ली है।
कोविड-19 की लड़ाई में एआइआइबी भी वित्तीय मदद दे रहा है और इस मद में भी सबसे ज्यादा वित्त (75 करोड़ डॉलर) भारत ने ही हासिल की है। सनद रहे कि एआइआइबी की स्थापना में भारत ने भी चीन की मदद की है। इसके पीछे वजह यह बताया गया था कि इससे वैश्विक फंडिंग करने वाले अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों में पश्चिमी देशों के वर्चस्व को समाप्त करने में मदद मिलेगी।