फिच रेटिंग्स ने 6.6 फीसद बताया चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ का अनुमान
फिच ने अगले साल अर्थव्यवस्था में सुधार आने की भी बात कही। एजेंसी ने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ अगले साल बेहतर होकर 7.1 फीसद पर आ सकती है।
By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 03:06 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 08:21 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ का अनुमान 6.6 फीसद बताया है। यह पिछले साल के 6.8 फीसद से कम है। इसके साथ ही फिच ने कहा कि भारत के पास उच्च कर्ज होने के कारण राजकोषीय नीतियों को सरल करने की गुंजाइश सीमित है। इसके साथ ही फिच ने अगले साल अर्थव्यवस्था में सुधार आने की भी बात कही। एजेंसी ने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ अगले साल बेहतर होकर 7.1 फीसद पर आ सकती है।
एजेंसी ने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ में लगातार पांचवी तिमाही में कमी आई है। एजेंसी ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5 फीसद रही, जो कि छह सालों की न्यूनतम है। रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि घरेलू मांग में कमी आ रही है, निजी खपत और निवेश दोनों में कमी आ रही है वहीं, वैश्विक ट्रेड एनवायर्नमेंट भी कमजोर है।
साथ ही फिच ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सिर्फ 0.6 फीसद से विकास कर रहा है। एजेंसी ने कहा कि यहां उच्च सार्वजनिक ऋण देने के कारण राजकोषीय नीतियों को सरल करने की गुंजाइश सीमित है।
एजेंसी ने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ में लगातार पांचवी तिमाही में कमी आई है। एजेंसी ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5 फीसद रही, जो कि छह सालों की न्यूनतम है। रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि घरेलू मांग में कमी आ रही है, निजी खपत और निवेश दोनों में कमी आ रही है वहीं, वैश्विक ट्रेड एनवायर्नमेंट भी कमजोर है।
साथ ही फिच ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सिर्फ 0.6 फीसद से विकास कर रहा है। एजेंसी ने कहा कि यहां उच्च सार्वजनिक ऋण देने के कारण राजकोषीय नीतियों को सरल करने की गुंजाइश सीमित है।
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