Move to Jagran APP

GDP के मोर्चे पर अच्‍छी खबर, पहली बार एक क्‍वार्टर में 20 फीसदी से ज्‍यादा बढ़ा

Covid Mahamari के बाद भी GDP ग्रोथ रेट शानदार है। इससे भारतीय इकोनॉमी की रिकवरी भी अच्‍छी रही है। देश के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्‍यम का भी मानना है कि भारत के मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल्‍स मजबूत हैं ।

By Ashish DeepEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 02:53 PM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 09:01 PM (IST)
GDP के मोर्चे पर अच्‍छी खबर, पहली बार एक क्‍वार्टर में 20 फीसदी से ज्‍यादा बढ़ा
सरकार के टैक्‍सेशन और दूसरे राहत उपायों के कारण विकास को रफ्तार मिल रही है।

नई दिल्‍ली, PIB। Covid Mahamari के बाद भी GDP ग्रोथ रेट शानदार है। इससे भारतीय इकोनॉमी की रिकवरी भी अच्‍छी रही है। देश के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्‍यम का भी मानना है कि भारत के मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल्‍स मजबूत हैं। देश मजबूत आर्थिक तरक्‍की की ओर बढ़ रहा है। सरकार के टैक्‍सेशन और दूसरे राहत उपायों के कारण विकास को रफ्तार मिल रही है।

loksabha election banner

मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमण्‍यम के मुताबिक एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर की ग्रोथ पहली तिमाही में 4 फीसद रही है। IIP में कोर सेक्‍टर शेयर 38 फीसद है। देश की GDP का आकार पहली तिमाही में 32.38 लाख करोड़ रुपए का हो सकता ह।

सुब्रमण्‍यम ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक प्रोत्साहनों को कम करने (टेपरिंग) से भारत पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। कई अर्थशास्त्रियों ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि उभरते बाजार 2013 के ‘टेपर टैंट्रम’ की पुनरावृत्ति को नहीं झेल सकते। सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था की बुनियाद वैश्विक वित्तीय संकट के समय की तुलना में मजबूत है।

उन्होंने कहा कि ऐसे में मेरा मानना है कि इसका लघु अवधि में कुछ असर हो सकता है, लेकिन कुल मिलाकर बांड खरीद कार्यक्रम में कमी से भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक प्रभावित नहीं होगी। वर्ष 2013 में अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा मौद्रिक नीति के तहत मात्रात्मक प्रोत्साहन उपायों पर ब्रेक के बाद उभरते बाजारों से पूंजी का प्रवाह शुरू हो गया था और वहां मुद्रास्फीति बढ़ी थी। इसे टैपर टैंट्रम कहा जाता है। विनिवेश के मोर्चे पर सुब्रमण्‍यम ने कहा कि यह वर्ष पिछले सालों की तुलना में भिन्न होगा। सरकार पिछले तीन वित्त वर्षों से विनिवेश का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.