भारत ने अक्टूबर-जनवरी में 30.68 लाख टन चीनी निर्यात किया: उद्योग संगठन
India sugar exports बयान के अनुसार मिलों ने इस साल अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 तक कुल 3068697 टन चीनी का निर्यात किया। संगठन ने कहा ‘‘भारतीय चीनी मिलों को अपनी चीनी पर अच्छा दाम मिलना जारी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। चीनी मिलों ने एक अक्टूबर से शुरू मौजूदा मार्केटिंग वर्ष में 30.68 लाख टन चीनी का निर्यात किया। उद्योग संगठन ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन (एआईएसटीए) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इसमें से 6.32 लाख टन चीनी निर्यात को लेकर ले जाने की प्रक्रिया में है। एआईएसटीए के अनुसार, मिलों ने विपणन वर्ष 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) में अब तक बिना सरकारी सब्सिडी के 46 लाख टन चीनी निर्यात का अनुबंध किया है। इस साल चीनी निर्यात बिना सरकार की सब्सिडी के किया जा रहा है।
बयान के अनुसार, मिलों ने इस साल अक्टूबर, 2021 से जनवरी, 2022 तक कुल 30,68,697 टन चीनी का निर्यात किया। संगठन ने कहा, ‘‘भारतीय चीनी मिलों को अपनी चीनी पर अच्छा दाम मिलना जारी है। उन्होंने 19.5 से 20 सेंट (एक सेंट बराबर 0.71 रुपया) प्रति पाउंड (एक पाउंड बराबर 0.45 किलो) की सीमा में चीनी बेची है।’’ महाराष्ट्र और कर्नाटक में मिलों ने कच्ची चीनी 31-31.80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेची है। संगठन के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत 18.25 सेंट प्रति पाउंड है।
देश का चीनी उत्पादन 1.87 करोड़ टन पर
चालू मार्केटिंग वर्ष 2021-22 की अक्टूबर-जनवरी की अवधि के दौरान देश का चीनी उत्पादन साल भर पहले की समान अवधि के मुकाबले 5.64 प्रतिशत बढ़कर 1.87 करोड़ टन होने का अनुमान है। उद्योग निकाय इस्मा ने गुरुवार को यह जानकारी दी। चीनी मिलों ने पिछले मार्केटिंग वर्ष 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) की इसी अवधि में 1.77 करोड़ टन चीनी का उत्पादन किया था। उत्तर प्रदेश (देश का शीर्ष चीनी उत्पादक राज्य) में चीनी उत्पादन इस मार्केटिंग वर्ष की अक्टूबर-जनवरी की अवधि के दौरान कम यानी 50.3 लाख टन रहा, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 54.4 लाख टन रहा था।
उद्योग निकाय ने चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान में चीनी उद्योग के लिए आवंटन बढ़ाकर 6,844 करोड़ रुपये करने के कदम का स्वागत किया है। पहले यह 4,337 करोड़ रुपये था। इस्मा का कहना है कि यह गन्ने के भुगतान का निपटान करने की दिशा में सकारात्मक कदम है।