नोटबंदी का असर भारत पर ही नहीं इस देश की अर्थव्यवस्था भी होगी प्रभावित, जानिए
भारत में केंद्र सरकार की ओर से बीते 8 नवंबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले का बुरा असर नेपाल की इकोनॉमी पर पड़ा है
नई दिल्ली: भारत में केंद्र सरकार की ओर से बीते 8 नवंबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले का बुरा असर नेपाल की इकोनॉमी पर पड़ा है। इस फैसले के बाद से नेपाल के साथ ट्रेड, रेमिटैंस और पर्यटकों की संख्या में भारी कमी देखने को मिली है। यह बात फिच रेटिंग एजेंसी की ग्रुप कंपनी बीएमआई रिसर्च ने कही है। बीएमआई ने भारत में नोटबंदी के बाद नेपाल की अर्थव्यवस्था के लिए अपने अनुमान को, वित्तीय वर्ष से जुलाई 2017 तक के लिए, 2.5 फीसदी से घटाकर 2.2 फीसदी कर दिया है।
वर्ष 2015 में आए भूकंप के बाद से (जिसमें तकरीबन 9000 लोगों की मृत्यु हो गई थी) ही नेपाल की 2100 करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था मुश्किलों से जूझ रही है, जिस वजह से 2015-16 में नेपाल की ग्रोथ रेट 0.8 फीसदी के स्तर से भी कम पर आ गई है। भारत में नोटबंदी का नकारात्मक असर नेपाल पर पड़ रहा है। रिसर्च एजेंसी ने ऐसा अपनी एक रिपोर्ट में कहा है। साथ ही एजेंसी ने यह भी कहा कि नेपाल की अर्थव्यवस्था भारत के ट्रेड, नौकरी और सहायता पर निर्भर है।
गौरतलब है कि बीते 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का फैसला देश से करोड़ों डॉलर का कालाधन और नकली करेंसी को बाहर निकालने के उदेश्य से लिया था।
द नेपाल राष्ट्र बैंक, जो कि नेपाल का सेंट्रल बैंक है ने भारतीय करेंसी बैन कर दी है। नेपाल का बैंक भारत से बाजार में नए नोट लाने के संबंद्ध में औपचारिक बातचीत की मांग कर रहा है। द नेपाल राष्ट्र बैंक के अधिकारी राजेन्द्र पंडित का कहना है कि जबतक भारत की ओर से जवाब नहीं आता तब तक नई भारतीय करेंसी स्वीकार नहीं की जाएगी।
यह भारत के साथ अनौपचारिक व्यापार करने वाले उन हजारों नेपाली नागरिकों के लिए झटका है जो कि भारत की खुली सीमाओं से अपने व्यापार संबंधी भुगतान के लिए पैसा प्राप्त करते हैं।