भारत का क्रूड इम्पोर्ट बिल जुलाई में 76 फीसद बढ़ा
बीते तीन साल के दौरान अगस्त में रुपये का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बीते तीन साल के दौरान अगस्त में रुपये का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। भारत का क्रूड इम्पोर्ट बिल जुलाई में 76 फीसद बढ़कर 10.2 अरब डॉलर (करीब 73 हजार करोड़ रुपये) हो गया। इसके चलते भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 18 अरब डॉलर हो गया, यह पांच साल में सबसे ज्यादा है।
जानकारों का कहना है कि ईरान पर प्रतिबंध के चलते ग्लोबल सप्लाई कम होने से कच्चे तेल (क्रूड) की कीमतों में तेजी आई और इससे रुपये पर दबाव बढ़ा है। तेल आयातक देश पर प्रतिबंधों के बीच क्रूड के लिए डॉलर की डिमांड बढ़ी है, जिसका रुपये पर असर हो रहा है। वहीं एशिया में इस साल रुपये का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। इसमें 11 फीसद से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को रुपया 71.96 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक लुढ़क गया।
क्रूड अभी 77.10 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर है। इस साल मई में क्रूड तीन साल के सबसे उच्चत स्तर 80.50 डॉलर प्रति बैरल तक जा चुका है। ब्रेंट कूड में पिछले साल के मध्य से अबतक 70 फीसद से ज्यादा की तेजी आ चुकी है।
वहीं अगर भारत के मासिक तेल आयात बिल की बात करें तो यह जुलाई से लगातार तीन महीने के दौरान 10 अरब डॉलर से अधिक रहा है। ऐसा क्रूड की लगातार बढ़ती कीमतों के चलते माना जा रहा है। पिछले साल जून-जुलाई में तेल आयात बिल 5.8 अरब डॉलर के आसपास था।
बाजार के जानकारों का कहना है कि तेल की बढ़ती कीमतों का दबाव भारत के चालू खाता घाटा (CAD) और राजकोषीय घाटा पर पड़ रहा है।