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नोटबंदी के बाद बढ़े आयकर चोरी के मामलों की संख्या

अप्रैल-नवंबर में 184 फीसद ज्यादा आरोपियों पर मुकदमे, कर चोरी व टीडीएस न जमा करने के मामले ज्यादा

By Shubham ShankdharEdited By: Published: Sat, 13 Jan 2018 09:51 AM (IST)Updated: Sat, 13 Jan 2018 06:35 PM (IST)
नोटबंदी के बाद बढ़े आयकर चोरी के मामलों की संख्या
नोटबंदी के बाद बढ़े आयकर चोरी के मामलों की संख्या

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भ्रष्टाचार और काले धन पर लगाम लगाने के लिए उठाए गए नोटबंदी के सरकार के कदम के सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं। नोटबंदी के बाद कर चोरी करने वालों के खिलाफ मुकदमों की संख्या बढ़कर करीब तीन गुनी हो गई है। आयकर विभाग ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर के दौरान कर चोरी करने वालों के खिलाफ 2225 मामले दर्ज किए हैं जो पिछले साल समान अवधि के मुकाबले 184 प्रतिशत अधिक हैं। इतना ही नहीं इस अवधि में आयकर कानून के तहत 48 व्यक्तियों को दोषी करार दिया गया है गया है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा मात्र 13 था।

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वित्त मंत्रलय ने कहा कि आयकर विभाग की ओर से कर चोरों के खिलाफ की गयी निर्णायक कार्रवाई के चलते अदालत ने डिफॉल्टरों को दोषी करार दिया है और मुकदमे भी अधिक दर्ज हुए हैं। मंत्रलय ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में नवंबर तक आयकर विभाग ने आयकर कानून के तहत विभिन्न अपराधों में 2225 मामले दर्ज कराए हैं जबकि पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 784 था। इस तरह इसमें 184 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। विभाग ने ये मामले जानबूझ कर टैक्स चोरी का प्रयास, आयकर रिटर्न दाखिल न करने और टीडीएस के संबंध में गलत जानकारी देने के संबंध में दर्ज कराए हैं।

मंत्रलय ने कहा कि विभाग ने काले धन की समस्या को खत्म करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कदम उठाए हैं। साथ ही कई मामलों में आपराधिक कार्यवाही शुरू की है। आयकर विभाग कर चोरी के खिलाफ अभियान को लेकर प्रतिबद्ध है और चालू वित्त वर्ष में भी कर चुकाने से बचने का प्रयास करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगा।

मंत्रलय ने कहा कि देहरादून की एक अदालत ने आयकर विभाग के पक्ष में निर्णय देते हुए कर चोरी करने वाले एक व्यक्ति को दोषी ठहराया है। इस व्यक्ति का विदेशी बैंक में खाता था जिसका उसने खुलासा नहीं किया था। अदालत ने उसे दो साल की सजा और जुर्माना भी लगाया है। इसी तरह बेंगलुरु में एक इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर को 60 लाख रुपये टीडीएस न चुकाने के चलते जुर्माने के साथ-साथ तीन माह के सश्रम कारावास की सजा दी गई है।
 


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