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विदेश में जमा कालाधन लाने के लिए आयकर विभाग ने शुरू किया व्यापक अभियान

विदेश में जमा कालाधन वापस लाने की मुहिम तेज करते हुए आयकर विभाग ने व्यापक अभियान छेड़ा है।

By Pramod Kumar Edited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 08:20 AM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 09:39 AM (IST)
विदेश में जमा कालाधन लाने के लिए आयकर विभाग ने शुरू किया व्यापक अभियान
विदेश में जमा कालाधन लाने के लिए आयकर विभाग ने शुरू किया व्यापक अभियान

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। विदेश में जमा कालाधन वापस लाने की मुहिम तेज करते हुए आयकर विभाग ने व्यापक अभियान छेड़ा है। इसके तहत विभाग ने विदेश में भारतीयों की अवैध अचल संपत्तियों और छुपाकर रखे गए बैंक खातों की पड़ताल शुरु कर दी है। विभाग ने कहा है कि वह दोषी लोगों के के खिलाफ कालाधन पर नए कानून के तहत कार्रवाई करेगा।

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सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग विभिन्न देशों से भारतीयों के बैंक खातों और उनकी अचल संपत्तियों का ब्यौरा प्राप्त कर रहा है। विभाग टैक्स संबंधी मामलों की सूचना के आदान-प्रदान के समझौतों के तहत इन देशों से यह सूचना प्राप्त कर रहा है। विभाग का आकलन है कि हजारों की संख्या में भारतीयों ने विदेश में बैंक खातों में धनराशि जमा की है और संपत्ति खरीदी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष सुशील चंद्रा ने इस संबंध में आयकर विभाग द्वारा कार्रवाई किए जाने की पुष्टि की है। हालांकि ऐसे कितने मामले आयकर विभाग ने पकड़े हैं, इसकी जानकारी उन्होंने नहीं दी है।

सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग ने विदेशी स्रोतों से प्राप्त सूचनाओं तथा वित्तीय खुफिया इकाई से मिली गोपनीय जानकारी के आधार पर विदेश में जमा किए कालाधन के खिलाफ गहन कार्रवाई अभियान शुरु किया है। सूत्रों ने कहा कि कई मामलों में करदाताओं को नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। ऐसे लोगों को यह बताने को कहा गया है कि उन्होंने किस स्रोत से आय अर्जित कर विदेश में संपत्ति खरीदी। सूत्रों ने कहा कि विभाग की नजर धनाढ्य वर्ग पर है। जांच के दौरान भी व्यक्ति ऐसे पाए जाते हैं जिन्होंने कर चोरी के इरादे से इनकम टैक्स रिटर्न में विदेशी बैंक खातों या संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है, उनके खिलाफ कालाधन पर नए कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने विदेश में रखे कालाधन को वापस लाने के लिए 2015 में नया कानून- ‘द ब्लैक मनी (अनडिस्क्लोज्ड इनकम एंड असेट्स) एंड इंपोजीशन ऑफ टैक्स 2015’ बनाया था। इस कानून के प्रभाव में आने से पूर्व आयकर कानून 1961 की धाराओं के तहत ऐसे मामलों की जांच-पड़ताल होती थी। हालांकि नए कानून में विदेशी कालाधन के मामले पकड़े जाने पर जुर्माना और सजा बढ़ा दी गई है। इसके तहत दोषी को 10 साल तक की सजा हो सकती है।


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