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आयकर विभाग ने 1 अप्रैल से 8 फरवरी तक जारी किये 1.91 लाख करोड़ रुपये के Tax Refunds

आयकर विभाग ने उसने चालू वित्त वर्ष में अब तक 1.87 करोड़ से अधिक करदाताओं को 1.91 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आयकर रिफंड जारी कर दिया है। विभाग ने बताया कि इसमें से 1.84 करोड़ करदाताओं को 67334 करोड़ रुपये के व्यक्तिगत आयकर रिफंड जारी किये गए हैं।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2021 06:35 PM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 07:11 AM (IST)
Income Tax Refunds P C : Pixabay

नई दिल्ली, पीटीआइ। आयकर विभाग ने बुधवार को बताया कि उसने चालू वित्त वर्ष में अब तक 1.87 करोड़ से अधिक करदाताओं को 1.91 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आयकर रिफंड जारी कर दिया है। विभाग ने बताया कि इसमें से 1.84 करोड़ करदाताओं को 67,334 करोड़ रुपये के व्यक्तिगत आयकर रिफंड जारी किये गए हैं। वहीं, कंपनी कर मामले में 2.14 लाख इकाइयों को 1.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक के टैक्स रिफंड जारी किये गए हैं।

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आयकर विभाग ने ट्विटर पर अपने ट्वीट में लिखा, ‘‘सीबीडीटी ने एक अप्रैल, 2020 से आठ फरवरी, 2021 के दौरान 1.87 करोड़ करदाताओं को 1,91,015 करोड़ रुपये से अधिक के आयकर रिफंड जारी किये हैं।’’

आयकर विभाग इस बार तेज रफ्तार से करदाताओं को टैक्स रिफंड जारी कर रहा है। वहीं, अभी भी कई सारे करदाता ऐसे हैं, जिन्हें महीने बीत जाने के बाद भी आयकर रिफंड नहीं मिला है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि ये कौन-से हैं।

बैंक खाते की सही जानकारी नहीं देना

आयकर रिटर्न भरते समय रिफंड प्राप्त करने के लिए अगर आपने सही बैंक डीटेल नहीं भरी है, तो आपको रिफंड मिलने में देरी हो सकती है। आयकर विभाग की ओर से आयकर रिफंड सीधे करदाता के खाते में डाले जा रहे हैं, ऐसे में बैंक खाते की गलत जानकारी भरने से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके साथ ही आपके द्वारा दिया गया बैंक खाता पैन के साथ लिंक होना चाहिए।

बैंक खाता प्रीवैलिडेट ना होना

समय पर आयकर रिफंड प्राप्त नहीं होने की एक बड़ी वजह ये भी हो सकती है कि आपने अपने बैंक खाते को प्रीवैलिडेट ना किया हो। यदि आपने अपने बैंक खाते को प्रीवैलिडेट नहीं किया है, तो आप अपनी प्रोफाइल सेटिंग में जाकर वहां बैंक अकाउंट को प्रीवैलिडेट करने का विकल्प चुनें। यहां आप बैंक अकाउंट नंबर, आईएसएससी कोड, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी की जानकारी देकर अपने बैंक खाते को प्रीवैलिडेट कर सकते हैं।

आईटीआर वेरिफाई करना भूल जाना

कई बार करदाता आयकर रिटर्न भरने से जुड़े सभी काम तो निपटा लेते हैं, लेकिन अपनी आईटीआर वेरिफाई करना भूल जाते हैं। बता दें कि आयकर रिटर्न फाइल करने की प्रॉसेस तब तक पूरी नहीं होती, जब तक कि आप आईटीआर को वेरिफाई ना करा दें।


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