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मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक 2.09 करोड़ लोगों को जारी हो चुका है 2.04 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड

आयकर विभाग ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक 2.09 करोड़ लोगों को 2.04 लाख करोड़ रुपये का रिफंड किया है। विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी है। विभाग के अनुसार इसमें से 2.06 करोड़ आयकरदाताओं को 73607 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर रिफंड किया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 07:40 PM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 09:08 AM (IST)
मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक 2.09 करोड़ लोगों को जारी हो चुका है 2.04 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड
Income Tax Department P C : Flickr

नई दिल्ली, पीटीआइ। आयकर विभाग ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक 2.09 करोड़ लोगों को 2.04 लाख करोड़ रुपये का रिफंड किया है। विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी है। विभाग के अनुसार, इसमें से 2.06 करोड़ आयकरदाताओं को 73,607 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर रिफंड किया है। वहीं, विभाग द्वारा 2.21 लाख मामलों में 1.31 लाख करोड़ रुपये का कार्पोरेट कर रिफंड जारी किया गया है।

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आयकर विभाग ने ट्विटर पर कहा, ‘‘सीबीडीटी ने एक अप्रैल 2020 से लेकर 15 मार्च 2021 तक 2.09 करोड़ करदाताओं को 2,04,805 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है।’’

आयकर विभाग काफी तेजी से करदाताओं को टैक्स रिफंड जारी कर रहा है। इसके बावजूद अभी भी कई सारे करदाता ऐसे होंगे, जिन्हें काफी समय बीत जाने के बाद भी आयकर रिफंड नहीं मिला होगा। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि ये कारण कौन-से हैं।

बैंक खाते की सही जानकारी नहीं देना

आयकर रिटर्न भरते समय रिफंड प्राप्त करने के लिए अगर आपने सही बैंक डीटेल नहीं भरी है, तो आपको रिफंड मिलने में देरी हो सकती है। आयकर विभाग की ओर से आयकर रिफंड सीधे करदाता के खाते में डाले जा रहे हैं, ऐसे में बैंक खाते की गलत जानकारी भरने से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके साथ ही आपके द्वारा दिया गया बैंक खाता पैन के साथ लिंक होना चाहिए।

बैंक खाता प्रीवैलिडेट ना होना

समय पर आयकर रिफंड प्राप्त नहीं होने की एक बड़ी वजह ये भी हो सकती है कि आपने अपने बैंक खाते को प्रीवैलिडेट ना किया हो। यदि आपने अपने बैंक खाते को प्रीवैलिडेट नहीं किया है, तो आप अपनी प्रोफाइल सेटिंग में जाकर वहां बैंक अकाउंट को प्रीवैलिडेट करने का विकल्प चुनें। यहां आप बैंक अकाउंट नंबर, आईएसएससी कोड, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी की जानकारी देकर अपने बैंक खाते को प्रीवैलिडेट कर सकते हैं।

आईटीआर वेरिफाई करना भूल जाना

कई बार करदाता आयकर रिटर्न भरने से जुड़े सभी काम तो निपटा लेते हैं, लेकिन अपनी आईटीआर वेरिफाई करना भूल जाते हैं। बता दें कि आयकर रिटर्न फाइल करने की प्रॉसेस तब तक पूरी नहीं होती, जब तक कि आप आईटीआर को वेरिफाई ना करा दें।


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