शेयर बाजार के लिए कैसा रहेगा हालचाल कितना होगा खबरों का असर, जानिए
इस हफ्ते आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी से लेकर यूरोप में चुनाव जैसे इवेंट मार्केट के सामने होंगे, ऐसे में जानिए कैसी रहेगी बाजार की दिशा
नई दिल्ली (जेएनएन)। बीता हफ्ता शेयर बाजार के लिहाज से अच्छा रहा। हफ्ते के दौरान प्रमुख सूचकांक निफ्टी 0.6 फीसद चढ़ा। सुबह के कारोबार में प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 13 अंक की कमजोरी के साथ 31260 के स्तर पर और निफ्टी 9654 के स्तर पर खुला। शेयर बाजार में पिछले हफ्ते आई इस तेजी के पीछे मुख्य वजह ग्लोबल मार्केट से मजबूत संकेत, अच्छे मानसून की उम्मीद और ऑटो कंपनियों की ओर शानदार बिक्री के आंकड़े रहे। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इस हफ्ते में बाजार की दिशा रिजर्व की क्रेडिट पॉलिसी और मानसून की चाल पर निर्भर करेगी। साथ ही 1 जुलाई से देशभर में जीएसटी लागू होने की उम्मीद आने वाले हफ्ते में बाजार को दिशा देगी।
शानदार रहा मई का महीना
सामान्य तौर पर मई का शेयर बाजार में मुनाफावसूली का माना जाता है। लेकिन इसके विपरीत इस बार शेयर बाजार में अच्छी खरीदारी देखने को मिली। प्रमुख सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स मई महीने में 3.4 फीसद तक चढ़े। मई महीने में आई इस तेजी के पीछे वजह कंपनियों के अच्छे तिमाही नतीजे और जीएसटी को समय से लागू कराने के मोर्चे पर लगातार मिल रही सकारात्मक खबरें रहीं। साथ ही शेयर बाजार में जारी रिकॉर्ड तेजी के पीछे एक बड़ी वजह बाजार में मौजूद नकदी (लिक्विडिटी) भी है। मई महीने में विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से करीब 10000 करोड़ रुपए की खरीदारी की गई। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भी इस दौरान 4000 करोड़ की खरीदारी की।
विशेषज्ञ का नजरिया
एक्सकॉर्ट सिक्योरिटीज के हेड (रिसर्च) आसिफ इकबाल का मानना है कि कमजोर जीडीपी आंकड़ों को कंपनियों के मजबूत तिमाही नतीजों के बीच बीता हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए मिलाजुला रहा। सनफार्मा के खराब तिमाही नतीजों की वजह से पूरे फार्मा सेक्टर में बिकवाली हावी रही, वहीं अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन की ओर से लोन डिफॉल्ट की आशंका की वजह से ग्रुप की सभी कंपनियों में बिकवाली देखने को मिली। हालांकि बाजार में उपलब्ध लिक्विडिटी की वजह से तेजी लगातार जारी है। आसिफ का मानना है कि आरबीआई की ओर से अगर नीतिगत दरों में कटौती की जारी है तो निश्चित तौर पर बाजार के लिए यह सकारात्मक होगा। ब्याज दरों से प्रभावित होने वाले सेक्टर्स में खरीदारी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा मानसून की चाल और 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने के मोर्चे पर आने वाली खबरें बाजार की दिशा तय करेंगी।
इपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम के मुताबिक टेक्निकल चार्ट्स पर बाजार मजबूत दिख रहा है। निफ्टी के लिहाज से 9580 का स्तर मजबूत सपोर्ट है। वहीं ऊपर की तरफ 9740 और 9850 के स्तर महत्वपूर्ण रहेंगे। नदीम के मुताबिक बैंकिंग शेयरों में अच्छी खरीदारी देखने को मिल सकती है। बैंक निफ्टी 23500-23800 तक के स्तर आने वाले हफ्ते में दिखा सकता है।
अगले हफ्ते क्या खास
• 7 जून को भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से क्रेडिट पॉलिसी की घोषणा की जाएगी। कमजोर जीडीपी आंकड़ों के बाद अर्थशाश्त्री नीतिगत दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। साथ ही खुदरा महंगाई भी अप्रैल महीने में 2.99 फीसद के स्तर पर थी और कच्चे तेल की कीमतें भी दायरे में कारोबार कर रही हैं।
• पिछले हफ्ते मानसून ने केरल के दक्षिणी तट पर दस्तक दी है। इस हफ्ते मानसून की चाल भी बाजार के लिए एक बड़ा फैक्टर होगी। मौसम विभाग जून से सितंबर मानसून के 96 फीसद रहने का अनुमान जारी कर चुका है। गौरतलब है कि मानसूनी बारिश अर्थव्यवस्था के लिहाज से बेहद अहम है। देश की दो तिहाई जनसंख्या मानसून पर निर्भर है।
• शनिवार को हुई जीएसटी काउंसिल की 15वीं बैठक में सोना, बिस्किट, फुटवियर समेत तमाम वस्तुओं पर जीएसटी की दर तय कर ली गई है। साथ ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 1 जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू होने की उम्मीद है। इसके बाद सोमवार के सत्र में इसका असर बाजार में दिख सकता है। जीएसटी पर लगातार आगे बढ़ रही सरकार शेयर बाजार के लिहाज से सकारात्मक है।
• रिलायंस कम्युनिकेशन का स्टॉक बीते हफ्ते 42 फीसद तक टूट गया। हालांकि शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद कंपनी के बोर्ड ने प्रेस कॉन्फेंस कर निवेशकों को भरोसा कंपनी रखने की अपील की। साथ ही कर्जदाताओं की ओर से कंपनी को कर्ज का बड़ा हिस्सा चुकाने के लिए अगले सात महीने का समय दिया गया है। इसका असर सोमवार को कंपनी के स्टॉक्स पर दिखेगा।
• 5 जून को सर्विस सेक्टर पीएमआई के आंकड़े आएंगे। अप्रैल महीने में सर्विस सेक्टर का पीएमआई गिरकर 50.2 के स्तर पर आ गया जो मार्च में 51.5 के स्तर पर था।
• 9 जून को बैंकों की लोन ग्रोथ के आंकड़े जारी किये जाएंगे। जो पिछली बार 5.6 फीसद रही थी।
• 8 जून को यूरोप में चुनाव और यूरोजोन में ब्याज दरों की घोषणा ग्लोबल मार्केट के लिहाज से अहम इवेंट है। जिसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिलेगा।