IMF ने भारत की अनुमानित विकास दर में की 1.2 फीसद कटौती, 6.1 फीसद रहने का अनुमान
उन्होंने कहा कि विभिन्न वजहों से एक साथ आने से आयी नरमी और इसमें सुधार की अनिश्चिता के साथ वैश्विक परिदृश्य भी अनिश्चित बना हुआ है।
वाशिंगटन। एजेंसी। वर्ल्ड बैंक के बाद अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी साल 2019 में भारत की आर्थिक विकास दर को लेकर अपने अनुमान में 1.2 फीसद की ब़़डी कटौती की है। आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि इस साल भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 6.1 फीसद रहेगी। इस एजेंसी ने अप्रैल में अनुमान लगाया था कि 2019 में भारत की विकास दर 7.3 फीसद रहेगी। आईएमएफ ने हालांकि 2020 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर ब़़ढकर 7 फीसद के स्तर पर पहुंचने का अंदाजा लगाया है।
आईएमएफ ने इसी साल अप्रैल में कहा था कि चालू वित्त वर्ष (2019--20) में भारत की आर्थिक विकास दर 7.3 फीसद रहेगी। हालांकि 3 महीने बाद इस अनुमान में 0.3 फीसद कटौती कर दी गई थी। 2018 में भारत की विकास दर 6.9 फीसद रही थी।
वैश्विक आर्थिक रफ्तार भी घटेगी
आईएमएफ ने 2019 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान भी घटाकर 3 फीसद कर दिया है। पिछले साल यह 3.8 फीसद थी।
मौद्रिक नीति का रुख अहम
इससे पहले रविवार को वर्ल्ड बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6 फीसद कर दिया था। वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि महंगाई दर कम है और यदि मौद्रिक नीति का रुख नरम बना रहा तो वृद्धि दर धीरे-धीरे सुधर कर 2021 में 6.9 फीसद और 2022 में 7.2 फीसद हो जाने का अनुमान है। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री भारतीय-अमेरिकी गीता गोपीनाथ ने कहा कि अनुमान में यह गिरावट 2017 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 3.8 फीसद रहने के मुकाबले अधिक गंभीर है। उन्होंने कहा कि विभिन्न वजहों से एक साथ आने से आयी नरमी और इसमें सुधार की अनिश्चितता के साथ वैश्विक परिदृश्य भी अनिश्चित बना हुआ है।