अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसद रहने का अनुमान: IMF
रिपोर्ट में बताया गया था कि वर्ष 2020 में यहां की विकास दर सात फीसद हो जाएगी जबकि चीन की विकास दर अगले वर्ष 5.8 फीसद रहेगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत की आर्थिक वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में 7 फीसद रह सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने इसका अनुमान जताया है. आर्थिक वृद्धि में तेजी की वजह मौद्रिक नीति के जरिये प्रोत्साहन और कंपनी कर में कटौती बताया जा रहा है। आईएमएफ के एशिया प्रशांत विभाग के उप-निदेशक जोनाथन ओस्ट्री ने कहा, 'भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष (2020-21) में सात फीसद के आसपास रहने की संभावना है। चालू वित्त वर्ष में इसके 6.1 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है। मौद्रिक नीति प्रोत्साहन जैसे उपायों से आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी।'
उन्होंने कहा कि हाल में कर कटौती, सरकार की ओर से वित्तीय क्षेत्र को लेकर उठाए गए कदमों और विभिन्न क्षेत्रों को समर्थन देने के उपायों से निकट आने वाले समय में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में सुधार होगा। पिछले कुछ तिमाही से भारतीय अथर्व्यवस्था में चल रही नरमी के बारे में ओस्ट्री ने कहा कि सही मायनों में इससे आईएमएफ समेत कई लोगों को भरोसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि नरमी का कोई एक कारण नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई वजह है। इनमें कंपनी और नियामकीय माहौल को लेकर अनिश्चितताएं, गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में दबाव और ग्रामीण क्षेत्र में दबाव समेत अन्य कारण हैं।
आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की सेवा क्षेत्र में अच्छी सफलता है। यह दुनिया की सूचना और संचार प्रौद्योगिकी सेवा निर्यात को साझा करता है जो एक दशक में तीन गुना हो गया है। जहां 2000 में यह 6.3 फीसद था वह 2010 में 17.8 फीसद हो गया। यह वैश्विक स्तर परा क्षेत्र के लिये सबसे बड़ी वृद्धि है।
गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के हवाले से बताया था कि अगले वित्त वर्ष में भारत की विकास दर एक बार फिर चीन से ज्यादा हो जाएगी। रिपोर्ट में बताया गया था कि वर्ष 2020 में यहां की विकास दर सात फीसद हो जाएगी जबकि चीन की विकास दर अगले वर्ष 5.8 फीसद रहेगी। वर्ष 2018 में वैश्विक विकास दर 3.6 फीसद रही थी जो इस वर्ष घट कर तीन फीसद पर आ जाने के आसार हैं।