एटीएम पर क्यों न हो कतार, भारत में हर 5,000 लोगों पर 1 एटीएम भी नहीं: आईएमएफ
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में हर 5000 लोगों के बीच बमुश्किल 1 एटीएम मशीन की ही उपलब्धता है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद से जहां एक ओर बैंकों में नकदी की किल्लत के चलते लोगों को जरूरत के हिसाब से पैसा नहीं मिल रहा है, वहीं एटीएम के बाहर लंबी-लंबी कतारें दिख रही हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में हर 5000 लोगों के बीच बमुश्किल 1 एटीएम मशीन की ही उपलब्धता है। यह बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कही है।
आईएमएफ ने क्या कहा:
आईएमएफ ने बताया कि भारत में साल 2015 तक प्रति एक लाख आबादी पर 20 से भी कम एटीएम मशीनों की उपलब्धता थी। इस आंकड़े का मतलब यह हुआ कि 5,000 की आबादी के लिए पूरी तरह से एक एटीएम की भी उपलब्धता नहीं है। साल 2014 में प्रति लाख आबादी पर करीब 17 एटीएम की उपलब्धता दर्ज की गई थी। वहीं साल 2011 के अंत तक यह आंकड़ा 8 एटीएम का था। आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि भारत में साल 2016 तक कुल 2,15,039 एटीएम मशीनें ही उपलब्ध हो पाई हैं।
लेनदेन में नहीं, सिर्फ पैसा निकालने के लिए 90 फीसदी लोग इस्तेमाल करते हैं एटीएम कार्ड:
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डेटा के मुताबिक अक्टूबर 2016 में 10 में से 9 लोग डेबिट कार्ड का इस्तेमाल केवल एटीएम से पैसे निकालने के लिए करते हैं। देश में कुल 94.2 करोड़ डेबिट कार्ड हैं। डेबिट कार्ड के जरिए अक्टूबर महीने में 2.63 लाख करोड़ रुपयों का लेन देन हुआ है। कुल 8 फीसदी मामले ऐसे थे जिसमें डेबिट कार्ड का इस्तेमाल पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन पर वस्तु एवं सेवाएं खरीदने के लिए किया गया है।