दुनिया के धुंधले आसमान में चमक बिखेर रहा भारत
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टीन लगार्ड ने ग्लोबल अर्थव्यवस्था के धुंधले आसमान में भारत को चमकता सितारा बताया है। फिलहाल उनका मानना है कि देश में निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। आर्थिक सुधार उसकी प्राथमिकता में होने चाहिए। क्रिस्टीन
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टीन लगार्ड ने ग्लोबल अर्थव्यवस्था के धुंधले आसमान में भारत को चमकता सितारा बताया है। फिलहाल उनका मानना है कि देश में निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। आर्थिक सुधार उसकी प्राथमिकता में होने चाहिए। क्रिस्टीन भारत के दो दिवसीय दौरे पर हैं। सोमवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की।
आइएमएफ की प्रबंध निदेशक लगार्ड ने सब्सिडी सुधारों और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन में प्रगति की प्रशंसा की। कारोबार करना आसान बनाने के लिए श्रम सुधारों को जरूरी बताया। साथ ही कहा कि स्थायी नियामक व्यवस्था निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए पहली शर्त है। उन्होंने आर्थिक विकास को रफ्तार देने के लिए तत्काल उपायों की आवश्यकता जताते हुए कहा कि शुरुआत के लिए सबसे अच्छा होगा कि भारतीय श्रम बाजार को और लचीला बनाया जाए।
सुनहरा है देश का भविष्य
भारत में संभावनाओं का जिक्र करते हुए क्रिस्टीन बोलीं कि अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भारत एक चमकते सितारे जैसा है। हाल के नीतिगत सुधारों और अर्थव्यवस्था के प्रति विश्वास बढऩे से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है। आशा है कि चालू वित्त वर्ष में इसकी विकास दर 7.2 फीसद रहेगी। अगले वित्त वर्ष में यह बढ़कर 7.5 फीसद हो जाएगी। इसी वर्ष भारत चीन को पीछे छोड़ते हुए विश्व में सबसे तेज रफ्तार वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा। 2009 के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2019 तक दोगुने से भी ज्यादा हो जाएगा। खरीद क्षमता के आधार पर भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) जापान और जर्मनी की सम्मिलित जीडीपी को पीछे छोड़ देगा। तीन प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं- रूस, ब्राजील और इंडोनेशिया के संयुक्त जीडीपी से भी भारत आगे निकल जाएगा।
रेंग रही दुनिया, दौड़ रहा भारत
क्रिस्टीन बोलीं कि विकास के मामले में दुनिया भर के तमाम देश जहां रेंग रहे हैं, वहीं भारत उलटी दिशा में चल रहा है। भारत न केवल आइटी में अग्रणी बना है, बल्कि कम से कम पैसे में मंगल मिशन भेजने में कामयाबी पाई है। इसने दुनिया को योग, आयुर्वेद, बॉलीवुड और चिक्कन टिक्का मसाला दिया है। आइएमएफ प्रमुख मानती हैं कि भारत के लिए बेहद अनुकूल स्थितियां हैं। इसका फायदा उठाते हुए उसे ग्लोबल ग्रोथ का इंजन बनना चाहिए।
कोटा बढ़ाने की वकालत
अरुण जेटली ने क्रिस्टीन से आइएमएफ में कोटा सुधारों के क्रियान्वयन को जल्द अमलीजामा पहनाने की वकालत की। क्रिस्टीन ने भी इसका समर्थन किया। अमेरिका मुद्राकोष और विश्व बैंक में कोटा सुधारों का अनुमोदन नहीं कर रहा है।
आइएमएफ में डिप्टी एमडी बने भारतीय
प्रधानमंत्री मोदी ने क्रिस्टीन के साथ मुलाकात के दौरान आइएमएफ में शीर्ष पदों पर भारतीयों के अधिक प्रतिनिधित्व की वकालत की। इच्छा जताई कि वह उप प्रबंध निदेशक (डिप्टी एमडी) के पद पर किसी भारतीय को देखना चाहते हैं। क्रिस्टीन ने भी आशा की कि एक दिन इसका नेतृत्व भारतीय के हाथों में हो।
बेटियों के लिए महफूज बनाएं भारत
लगार्ड ने यह भी कहा है कि भारत का विकास समावेशी हो। इसमें महिलाओं को भी बराबर मौके मिलें। साथ ही देश को बेटियों के लिए सुरक्षित बनाएं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उनके मुताबिक बेटियों की सुरक्षा न केवल नैतिक रूप से सही है, बल्कि इसका आर्थिक लाभ भी मिलेगा।
'विकास के मामले में दुनिया भर के तमाम देश जहां रेंग रहे हैं, वहीं भारत उलटी दिशा में चल रहा है।' -क्रिस्टीन लगार्ड, प्रमुख, आइएमएफ
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