वित्त वर्ष 2021-22 में 12.5 फीसद पर पहुंच सकती है भारत की विकास दर, IMF ने अपने पूर्व के अनुमान में किया सुधार
IMF Growth Outlook अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अनुमान व्यक्त किया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की विकास दर 12.5 फीसद पर रह सकती है। इस तरह IMF ने जनवरी के अपने अनुमान में संशोधन किया है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अनुमान व्यक्त किया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की विकास दर 12.5 फीसद पर रह सकती है। इस तरह IMF ने जनवरी के अपने अनुमान में संशोधन किया है। जनवरी, 2021 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपने अनुमान में कहा था कि 2021-22 में भारत की इकोनॉमी 11.5 फीसद की दर से आगे बढ़ेगी। वैश्विक संगठन ने भारत की विकास दर से जुड़े अनुमान में यह संशोधन ऐसे समय में किया है जब पूरे देश में कोविड-19 की दूसरी लहर देखने को मिल रही है।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के प्रसार की वजह से कई राज्यों ने रात के समय कर्फ्यू और लॉकडाउन जैसी कड़ी पाबंदियां एक बार फिर से लागू की है। इससे एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी में विकास को लेकर अनिश्चितता की स्थिति एक बार फिर से पैदा हो गई है।
IMF projects India's growth rate to jump to 12.5 per cent in 2021— Press Trust of India (@PTI_News) April 6, 2021
IMF के अनुमान के मुताबिक 2021-22 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर चीन से भी ज्यादा रह सकती है। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 संकट के बीच पिछले साल सकारात्मक अंकों में वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यस्थाओं में केवल चीन शामिल रहा था।
IMF ने कहा है कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की इकोनॉमी 6.9 फीसद की दर से वृद्धि कर सकती है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की इकोनॉमी में रिकॉर्ड आठ फीसद का संकुचन देखने को मिला।
IMF में चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने कहा, ''हम पूर्व के अनुमान की तुलना में 2021 और 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूत रिकवरी का अनुमान लगा रहे हैं। हम 2021 में छह फीसद और 2022 में 4.4 फीसद की वैश्विक वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।''
कैलेंडर वर्ष 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.3 फीसद का संकुचन देखने को मिला था।
गोपीनाथ ने साथ ही वायरस के बढ़ते मामलों का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि महामारी अब तक पूरी खत्म नहीं हुआ है। कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।