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Indian Economy : हमारे सामने फीकी पड़ेगी चीन की चमक, IMF ने कहा - सबसे तेज रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार

इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने 2024 के लिए भारत की ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। IMF का कहना है कि भारत में घरेलू डिमांड लगातार मजबूत बनी हुई है। साथ ही नौजवान आबादी भी बढ़ रही है जो काम करके उत्पादन बढ़ाएंगे। IMF का यह भी कहना है कि भारत जीडीपी ग्रोथ के मामले में चीन से काफी आगे रहेगा।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Published: Tue, 16 Apr 2024 08:17 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2024 08:54 PM (IST)
Indian Economy : हमारे सामने फीकी पड़ेगी चीन की चमक, IMF ने कहा - सबसे तेज रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार
2024 में चीन की जीडीपी ग्रोथ 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

पीटीआई, नई दिल्ली। दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित फाइनेंशियल ऑर्गनाइजेशन- इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने 2024 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया है।

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IMF का कहना है कि भारत में घरेलू डिमांड लगातार मजबूत बनी हुई है। साथ ही, नौजवान आबादी भी बढ़ रही है, जो काम करके जीडीपी ग्रोथ बढ़ाएंगे। IMF ने इससे पहले जनवरी में भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

चीन से आगे रहेगा भारत

IMF का कहना है कि 6.8 प्रतिशत की ग्रोथ के भारत दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वहीं, इस दौरान चीन की इकोनॉमी 4.6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।

IMF ने अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के लेटेस्ट एडिशन में कहा, 'भारत की 2024 में ग्रोथ 6.8 प्रतिशथ और 2025 में 6.5 प्रतिशत रहेगी। यहां पर घरेलू मांग लगातार दमदार बनी हुई है। साथ ही, कामकाजी उम्र वाले लोगों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।'

सुस्त पड़ी ड्रैगन की रफ्तार

IMF का कहना है कि चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त पड़ रही है। IMF के मुताबिक, 2024 में चीन की जीडीपी ग्रोथ 4.6 प्रतिशत रहेगी, जो पिछले 5.2 प्रतिशत रहेगी। वहीं, 2025 में चीन की ग्रोथ रेट घटकर 4.1 प्रतिशत तक आ जाने का अनुमान है।

IMF का मानना है कि चीन अभी कोरोना के झटके से पूरी तरह उबर नहीं पाया है। साथ ही, उसका प्रॉपर्टी सेक्टर में भी मंदी है। अगर ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ की बात करें, तो 2023 की तरह ही 2024 और 2025 में भी इसके 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

IMF में चीफ इकोनॉमिस्ट पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने कहना है कि नीति निर्माताओं को ऐसे उपाय करने होंगे, जिससे सरकार का राजस्व बढ़े, साथ ही आर्थिक विकास की संभावनाएं भी बेहतर हों। उन्होंने कहा कि निराशाजनक अनुमानों के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है। फिलहाल, किसी बड़े संकट की आशंका नहीं है।

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