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एनबीएफसी के समयबद्ध आंकड़े मिलते तो नहीं होता आइएलएंडएफएस संकट

गर्ग ने कहा कि एनबीएफसी के विकास के लिए मजबूत नियमन की आवश्यकता है। अगर कोई नियम विकास को बाधित करता है तो वह अच्छा नियमन नहीं है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 06 Jan 2019 02:01 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 02:01 PM (IST)
एनबीएफसी के समयबद्ध आंकड़े मिलते तो नहीं होता आइएलएंडएफएस संकट
एनबीएफसी के समयबद्ध आंकड़े मिलते तो नहीं होता आइएलएंडएफएस संकट

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आर्थिक मामलों के सचिव एससी गर्ग ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के क्षेत्र में मौजूदा संकट के लिए रियल-टाइम आंकड़ों की कमी को जिम्मेदार ठहराया। अगर समयबद्ध आंकड़े उपलब्ध होते तो आइएलएंडएफएस का संकट टाला जा सकता था। उन्होंने इस सेक्टर के सुदृढ़ नियमन और ठीक ढंग से विकास के लिए मदद की आवश्यकता पर बल दिया।

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गर्ग ने यहां एनबीएफसी सेक्टर पर सीआइआइ की कान्फ्रेंस में कहा कि सरकार रिजर्व बैंक के साथ मिलकर एनबीएफसी सेक्टर के बारे में और जानकारी एकत्रित करने के लिए सिस्टम बनाने का प्रयास कर रही है। पिछले साल अगस्त में प्रमुख एनबीएफसी कंपनी आइएलएंडएफएस में तरलता का संकट शुरू हुआ तो उसने पूरे एनबीएफसी क्षेत्र को अपनी जकड़ में ले लिया। कई लोगों का मानना है कि तरलता के संकट से ज्यादा इस क्षेत्र के सामने भरोसे का संकट है। आइएलएंडएफएस के डिफॉल्ट होने के बाद डीएचएफएल और इंडियाबुल्स जैसी कई अन्य कंपनियों के शेयरों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई।

गर्ग ने कहा कि एनबीएफसी के विकास के लिए मजबूत नियमन की आवश्यकता है। अगर कोई नियम विकास को बाधित करता है तो वह अच्छा नियमन नहीं है। ऐसा नियमन विकसित करने की जरूरत है जिसके तहत एनबीएफसी, कर्जदाता और निवेशकों की आवश्यकताएं पूरी हो सकें। इससे वित्तीय स्थिरता आएगी। उन्होंने कहा कि आइएलएंडएफएस संकट से न सिर्फ नियमन की कमी महसूस की गई बल्कि आंकड़ा संग्रह, सूचना और सरकार व नियामकों से संवाद का अभाव भी सामने आया।

सचिव के अनुसार आज उन्हें नहीं पता कि एनबीएफसी में किससे बात की जाए। इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई संगठन नहीं है। रियल-टाइम आंकड़ों की मजबूत व्यवस्था की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार आरबीआइ के साथ मिलकर ऐसा तंत्र तैयार करने का प्रयास कर रही है। इस समय एनबीएफसी के संबंध में आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। आइएलएंडएफएस संकट के समय हम जानना चाहते थे कि इसमें कितना पैसा फंसा है। एनबीएफसी कंपनियां किन्हें पैसा उधार दे रही हैं। हमारे पास इस समय दैनिक आधार पर तो छोड़िए, मासिक आधार पर भी आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। जबकि इनकी सख्त जरूरत है। गर्ग ने एनबीएफसी सेक्टर में फंडिंग की जरूरत पर भी जोर दिया। इसी कार्यक्रम में आइएलएंडएफसी की कमान संभाल रहे प्रमुख बैंकर उदय कोटक ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र की कंपनी का आकार बढ़ने पर जरूरी हो जाता है कि उस ग्रुप के भीतर और उससे बाहर के सौदों पर ज्यादा ध्यान दिया जाए।


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