आइडिया पर चला डॉट का चाबुक, 600 करोड़ का जुर्माना लगा
नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डॉट) की एक समिति ने आदित्य बिड़ला समूह की टेलीकॉम कंपनी आइडिया सेल्युलर पर 600 करोड़ रुपये जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। समिति ने आइडिया और स्पाइस कम्युनिकेशंस के विलय पर उंगली उठाई है। आइडिया पर आरोप है कि उसके इस कदम से छह सर्किलों में टेलीकॉम लाइसेंस नियमों का उल्लंघन
नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डॉट) की एक समिति ने आदित्य बिड़ला समूह की टेलीकॉम कंपनी आइडिया सेल्युलर पर 600 करोड़ रुपये जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। समिति ने आइडिया और स्पाइस कम्युनिकेशंस के विलय पर उंगली उठाई है। आइडिया पर आरोप है कि उसके इस कदम से छह सर्किलों में टेलीकॉम लाइसेंस नियमों का उल्लंघन हुआ है।
डॉट की समिति ने कर्नाटक और पंजाब सर्किल में विलय पर सशर्त आगे बढ़ने का सुझाव दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यदि कंपनी जुर्माना चुका दे तो वह इन दोनों सर्किलों में सेवा जारी रख सकती है। आइडिया ने 2008 में स्पाइस की 41.09 फीसद हिस्सेदारी खरीदी थी। दोनों कंपनियों का विलय 2010 में हो गया। इसके चलते छह सर्कलों में लाइसेंस आपस में टकरा गए और आइडिया के पास एक ही क्षेत्र में दो लाइसेंस हो गए। विलय के वक्त दोनों ही कंपनियां आंध्र प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब और कर्नाटक में सेवाएं दे रही थीं। नियमों के मुताबिक, एक ही सर्कल में कोई टेलीकॉम कंपनी दूसरी में 10 फीसद से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं रख सकती।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा फरवरी, 2012 को दिए निर्णय की वजह से आइडिया के पंजाब और कर्नाटक वहीं स्पाइस के आंध्र, दिल्ली, हरियाणा एवं महाराष्ट्र में लाइसेंस रद हो गए थे। सूत्रों ने बताया कि चूंकि अदालत के आदेश से उनके लाइसेंस पहले ही रद हो चुके हैं। इसलिए विलय का सवाल तो पैदा ही नहीं होता।
बताया जा रहा है कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि एक मार्च, 2012 को विलय के बाद आइडिया के पास 15 फरवरी, 2013 तक 12 लाइसेंस स्पेक्ट्रम के साथ मौजूद थे। इसके लिए कंपनी ने डॉट से अनुमति भी नहीं ली थी। इसलिए लाइसेंस शर्तो और विलय दिशानिर्देशों का उल्लंघन हुआ। समिति ने आइडिया सेलुलर और स्पाइस कम्युनिकेशंस (अब आइडिया) पर 50 करोड़ रुपये प्रति सर्किल जुर्माना लगाने की सिफारिश की है।
सूत्रों के मुताबिक, समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि डॉट ने सात जनवरी, 2010 और 18 जनवरी, 2010 को साफ निर्देश दिया था कि विलय को अनुमति नहीं दी जा सकती। आइडिया प्रवक्ता ने कहा कि यह सूचना कंपनी को मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।