IDBI Bank में बोली लगाने की अंतिम तिथि बढ़ी, अब 7 जनवरी 2023 तक मिलेगा मौका
IDBI Bank का जल्द निजीकरण होने वाला है। निवेशकों को इसमें बोली लगाने का एक और मौका दिया जा रहा है। बोली लगाने की अंतिम तारीख को बढ़ा दिया गया है। तो चलिए इससे जुड़ी जरूरी बातों को जानते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कुछ समय पहले ही खबर आई थी कि सरकार आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के अपने हिस्से को बेचने वाली है और इसके लिए बोलीदाताओं से डील के लिए बोलियां आमंत्रित की गई है। पर अब आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के लिए प्रारंभिक बोलियां जमा करने की समयसीमा सात जनवरी, 2023 तक बढ़ा दी गई है। गौरतलब है कि इससे पहले प्रारंभिक बोली जमा करने की आखिरी तारीख 16 दिसंबर तय की गई थी।
बिक रहे इतने प्रतिशत हिस्से
सरकार और जीवन बीमा निगम (LIC) के पास आईडीबीआई बैंक का 94.71 प्रतिशत हिस्सा है और वे राज्य के स्वामित्व वाले बैंक में 60.72 प्रतिशत की बिक्री करना चाहते हैं। प्रारंभिक सूचना के अनुसार, LIC बैंक में अपनी 49.24% हिस्सेदारी में से 30.24 प्रतिशत की बिक्री करेगी, जबकि सरकार अपनी 45.48% हिस्सेदारी में से 30.48 फीसदी की बिक्री करेगी।
निवेश के लिए जरूरी शर्तें
सफल बोलीदाता को सार्वजनिक शेयरधारिता के 5.28 प्रतिशत के अधिग्रहण का खुला प्रस्ताव देना होगा। इससे पहले, DIPAM ने कहा था कि संभावित खरीदारों के पास न्यूनतम नेटवर्थ 22,500 करोड़ रुपये होना चाहिए। साथ ही, बोलीदाता को अधिग्रहण की तारीख से पांच साल के लिए इक्विटी पूंजी का कम से कम 40 प्रतिशत अनिवार्य रूप से लॉक करना होगा। बैंक के लिए बोली लगाने के लिए पिछले पांच सालों में से तीन में नेट प्रॉफिट भी होनी चाहिए।
बैंकिंग सेक्टर में दिख सकता असर
आईडीबीआई बैंक के निजीकरण से एक तरफ इसके मार्केट शेयर और लाभ में सुधार हो सकता है। वहीं, निवेशकों की बात करें तो बहुत से लोग इस निजीकरण के पक्ष में दिखाई देते हैं, तो बहुत-से इसके विपक्ष में भी खड़े हैं।
बता दें कि आईडीबीआई बैंक मई 2017 से मार्च 2021 तक भारतीय रिजर्व बैंक के पीसीए ढांचे के तहत आता था। अगर इस वित्तीय वर्ष में बैंक की बिक्री होती है तो यह वित्त वर्ष 2023 के लिए निर्धारित विनिवेश लक्ष्य 65,000 करोड़ में एक अहम योगदान दे सकता है।
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