छोटे एवं मझोले उद्योगों को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाए सरकारः IAMAI
IAMAI ने कहा है कि SMEs भारत में सबसे अधिक रोजगार देने वालों में शामिल हैं। हर SMEs अपने यहां 50 से 1000 कर्मचारियों को रोजगार देता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने कहा है कि सरकार को सर्विस सेक्टर के छोटे एवं मझोले उद्योगों (SMEs) एवं इन उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखकर कदम उठाने चाहिए। संगठन ने कहा है कि लॉकडाउन के इस समय में कारोबारिया गतिविधियां लगभग ठप हैं। ऐसे में कंपनियों को वेतन में कटौती जैसे कदम उठाने पड़ रहे हैं, जिसका कर्मचारियों पर बहुत अधिक असर देखने को मिल सकता है। इस प्रभाव को कम करने के लिए IAMAI ने कर्मचारियों के वेतन से TDS, EPF और ESIC की राशि की कटौती को छह माह तक के लिए टालने का सुझाव दिया है। IAMAI ने कहा है कि इससे SMEs अपने कर्मचारियों को जॉब में बनाए रखने और कर्मियों को अधिक-से-अधिक इन हैंड सैलरी देने में मदद मिलेगी।
IAMAI ने कहा है कि SMEs भारत में सबसे अधिक रोजगार देने वालों में शामिल हैं। हर SME अपने यहां 50 से 1,000 कर्मचारियों को रोजगार देता है।
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा है कि छह माह तक TDS, EPF और ESIC की कटौती को टालने से कंपनियों पर से दबाव कम होगा। साथ ही कर्मचारियों के हाथ में अधिक-से-अधिक सैलरी आएगी। IAMAI के मुताबिक कैश-फ्लो के सामान्य होने के बाद इन फंड्स की कटौती को फिर से शुरू किया जा सकता है।
IAMAI के अनुसार देश आर्थिक सुस्ती और स्वास्थ्य से जुड़ी आपात स्थिति का सामना कर रहा है और कंपनियों को ऐसे माहौल में अपना अस्तित्व बनाए रखने में दिक्कत पेश आ रही है। ऐसा इसलिए कि कंपनियों को अपना अस्तित्व बनाए रखने लिए कम क्षमता के साथ ही सही लेकिन परिचालन जरूरी है।
संगठन ने ऐसी स्थिति में सरकार से कानून एवं नियमों में संशोधन का आग्रह किया है, जिससे कंपनियों को लागत कम करने में मदद मिले।