दुनिया में बढ़ते संरक्षणवाद ने बढ़ाई भारतीय कंपनियों की चिंता, HSBC की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
दुनियाभर में बढ़ रहे संरक्षणवाद को लेकर भारतीय कंपनियां सबसे ज्यादा चिंतित हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय कंपनियां दुनियाभर में बढ़ते संरक्षणवाद से चिंतित हैं। इससे भारत का अन्य देशों के साथ ट्रेड और इंटरनेशनल बिजनेस प्रभावित हो रहा है। यह जानकारी एचएसबीसी के ग्लोबल सर्वे में सामने आई है। इस सर्वे में 26 बाजारों से 6000 कंपनियों को शामिल किया गया था।
इसमें सामने आया है कि भारत में 10 में से 9 व्यवसायों को लगता है कि सरकार पहले से ज्यादा संरक्षणवादी अप्रोच अपना रही है, ये वैश्विक औसत से ज्यादा है।
नैविगेटर: ‘नाउ, नेक्स्ट एंड हाओ फॉर बिजनेस’ विषय पर किए गए सर्वे में कहा गया कि वैश्विक स्तर पर हर पांच में तीन प्रतिभोगियों (61 फीसद) को लगता है सरकार अपनी घरेलू अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए सरंक्षणवादी नीति अपना रही है। बढ़ते सरंक्षणवाद के चलते अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने की लागत, ट्रेड रूट्स में फेरबदल और व्यापार के लिए कर्ज प्राप्त करने में रुकावटें सामने आ रही हैं।
अन्य क्षेत्र जहां पर कंपनियों के बीच संरक्षणवाद को लेकर धारणा मजबूत है, उनमें मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र (70 फीसद) और एशिया प्रशांत (68 फीसद) शामिल हैं। अमेरिका में 61 फीसद का मानना है कि संरक्षणवाद बढ़ रहा है जबकि यूरोप में 50 फीसद कंपनियां संरक्षणवादी प्रवृत्तियों में वृद्धि देख रही हैं। एचएसबीसी इंडिया के कमर्शियल बैंकिंग हेड रजत शर्मा ने कहा, “सीमा पार व्यापार और अंतरराष्ट्रीय कारोबार करने की लागत बढ़ने के कारण से संरक्षणवादी प्रवृत्ति में तेजी एक चिंता का विषय है।”