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बुरे समय में पैसों की जरूरत पूरा करने के लिए Gold में करें निवेश, जानिए कैसे करें फायदे का सौदा

विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग नियमित रूप से व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) के रूप में सोने में निवेश करना चाहते हैं उनके लिए गोल्ड ईटीएफ सबसे अच्छा विकल्प है।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 10:10 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 09:05 AM (IST)
बुरे समय में पैसों की जरूरत पूरा करने के लिए Gold में करें निवेश, जानिए कैसे करें फायदे का सौदा
बुरे समय में पैसों की जरूरत पूरा करने के लिए Gold में करें निवेश, जानिए कैसे करें फायदे का सौदा

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। साल 2019 और 2020 में लोगों ने निवेश पोर्टफोलियो में Gold का खासा महत्व दिया है। गोल्ड ने पिछले एक साल में लगभग 42% रिटर्न दिया है। निकट भविष्य में सोने में वृद्धि जारी रहने की संभावना है, क्योंकि COVID-19 के प्रकोप के कारण देर तक अनिश्चितता का माहौल बना रहेगा और वैश्विक विकास में कमी आने तक ब्याज दरें कम रहने की संभावना है। ये दोनों चीजें सोने के लिए बहुत अच्छी हैं। विश्लेषकों का कहना है कि सोना हर निवेश पोर्टफोलियो का हिस्सा होना चाहिए और अपने पोर्टफोलियो का 10-15% हिस्सा गोल्ड में निवेश करना चाहिए। अगर आपके पास गोल्ड का इतना एक्सपोजर नहीं है तो आप इसे अब जोड़ सकते हैं। लेकिन निवेश के लिए भौतिक सोना खरीदने से बचें क्योंकि इसमें कई मसले हैं जैस भंडारण लागत, चोरी की संभावना, उच्च लेनदेन लागत, आदि।

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लंबी अवधि के लिए सोने में निवेश कैसे करें

वित्तीय नियोजकों का कहना है कि गोल्ड में निवेश पेपर गोल्ड के रूप में होना चाहिए। गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) निवेशकों के लिए दो विकल्प हैं।

सोने के मौजूदा मूल्य पर सरकार द्वारा नियमित अंतराल पर SGB जारी किए जाते हैं। इसका आठ साल का निश्चित समय है, लेकिन पांच साल के लॉक-इन के बाद इसे बेचा जा सकता है। हालांकि, अगर आप मैच्योरिटी तक SGB रखते हैं, तो निवेश पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता है। तीन साल के निवेश के बाद अर्जित गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड फंड कैपिटल गेन्स के मामले में इंडेक्सेशन के बाद 20% टैक्स लगता है।

Gold ETF में सोने के मूल्य में मूल्यह्रास आपकी एकमात्र आय है लेकिन एसजीबी के मामले में आपको सालाना 2.5% का ब्याज मिलेगा, जिसका भुगतान अर्ध-वार्षिक किया जाएगा। हालांकि, यह ब्याज आय आयकर के अधीन है।

गोल्ड ईटीएफ पर एसजीबी का एक और फायदा यह है कि गोल्ड फंड्स फंड मैनेजमेंट चार्ज के लिए सालाना 0.5-1% का लेवी चार्ज लेते हैं लेकिन एसजीबी के मामले में ऐसा कोई चार्ज नहीं है। सेकेंडरी मार्केट में SGB को कोई भी बेच सकता है। लेकिन कम मात्रा के कारण, आपको अपनी इच्छा के अनुसार कीमत नहीं मिल सकती है। इस साल, केंद्र ने अभी तक SGBs के तीन किस्तों का शुभारंभ किया है। अगले नौ महीनों में तीन किस्तें और निकाली जाएंगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग नियमित रूप से व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) के रूप में सोने में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए गोल्ड ईटीएफ सबसे अच्छा विकल्प है। 


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