वित्तीय बाजारों की तेजी कब तक, यह बड़ा सवाल: कुमार मंगलम बिड़ला
बीते वर्ष के बारे में बिड़ला ने कहा कि कोरोना संकट ने लोगों की जिंदगी को तबाह कर दिया। इसने लोगों और कंपनियों को सिखाया है कि जिंदगी हो या कारोबार पहले से चले आ रहे संकट को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
नई दिल्ली, पीटीआइ। आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला का मानना है कि शेयर बाजारों की मौजूदा तेजी में कितना दम है, यह समझने में अगली तिमाही या थोड़ा और वक्त लग सकता है। बाजार में उतार-चढ़ाव को बुलबुले की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि अनिश्चितता के साथ ही वित्तीय बाजार और अधिक अस्थिर हो गए हैं। यह एक खुला सवाल है कि वित्तीय बाजारों के जोश में कितना दम है। यह तेजी कितनी टिकाऊ है, इसका पता चलने में अगली तिमाही या थोड़ा और वक्त लगेगा।
बीते वर्ष के बारे में बिड़ला ने कहा कि कोरोना संकट ने लोगों की जिंदगी को तबाह कर दिया। इसने लोगों और कंपनियों को सिखाया है कि जिंदगी हो या कारोबार, पहले से चले आ रहे संकट को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कोरोना का खतरा उन लोगों पर ज्यादा रहा, जिन्हें पहले से कोई न कोई ऐसी बीमारी थी जिनके बारे में या तो वे जानते था या जिन्हें आसानी से जाना जा सकता था। इनमें मधुमेह, रक्तचाप, अत्यधिक तनाव व मोटापा जैसी बीमारियां थीं। उन्होंने कहा कि अगर संकट के दौर से और ताकतवर होकर निकलना है तो कंपनियों को समझ, विचार, सहयोग और सद्भावना का भंडार तैयार करना होगा।
आने वाले दिनों में वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करने के बढ़ते चलन के बारे में बिड़ला ने हाल के दिनों में सामने आई आम धारणा के विपरीत बात कही। उन्होंने कहा कि कार्यालय सिर्फ काम की जगह नहीं है। कार्यालय में लोगों, विचारों और वार्तालाप का संगम होता है।
उपभोक्ता मांग में कुछ बुनियादी बदलाव हुए हैं, लेकिन लगभग सभी क्षेत्रों में सुधार दिखने लगा है। बिड़ला ने कहा कि देश में मैन्यूफैक्चरिंग, सीमेंट, पेंट, ऑटोमोटिव और एल्युमीनियम तक में मजबूत सुधार देखा गया है।