Move to Jagran APP

शिव नाडर दान में देंगे तीन हजार करोड़ रुपये

देश की चौथी सबसे बड़ी आइटी कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज के संस्थापक चेयरमैन शिव नाडर शिक्षण संस्थाओं के विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये दान में देंगे। यह राशि उनके द्वारा संचालित शिव नाडर फाउंडेशन को पांच साल में दी जाएगी। साथ ही लंबी अवधि में फाउंडेशन की गतिविधियों के विस्तार पर एक अरब डॉलर (करीब 6,000 करोड़

By Edited By: Published: Tue, 05 Nov 2013 08:50 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

नई दिल्ली। देश की चौथी सबसे बड़ी आइटी कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज के संस्थापक चेयरमैन शिव नाडर शिक्षण संस्थाओं के विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये दान में देंगे। यह राशि उनके द्वारा संचालित शिव नाडर फाउंडेशन को पांच साल में दी जाएगी। साथ ही लंबी अवधि में फाउंडेशन की गतिविधियों के विस्तार पर एक अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। इस फाउंडेशन के 20 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने यह जानकारी दी।

loksabha election banner

पढ़ें : हिंदी आंदोलन के समय जान जान जाते बची : नादर

दान की इस राशि का इस्तेमाल फाउंडेशन के मौजूदा शिक्षण संस्थानों सहित नए संस्थानों के विकास में किया जाएगा। नाडर ने बताया कि परिवर्तनीय शिक्षा के जरिये भविष्य के लिए ग्लोबल नेतृत्व के निर्माण पर फाउंडेशन का फोकस है। वर्ष 1994 में गठित इस फाउंडेशन पर अब तक 1,800 करोड़ रुपये निवेश किए जा चुके हैं। इसके तहत उत्तर प्रदेश में विद्याज्ञान स्कूल व शिव नाडर यूनिवर्सिटी और तमिलनाडु में एसएसएन इंस्टीट्यूशन चलाए जा रहे हैं।

इस मौके पर फाउंडेशन की ट्रस्टी और शिव नाडर की बेटी रोशनी नाडर मल्होत्रा ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 1,220 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश किया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि फाउंडेशन की फंडिंग कैसे होती है उन्होंने बताया कि एचसीएल समूह की कंपनियों के शेयरों पर मिलने वाले लाभांश की राशि इसके खाते में जाती है। इससे कॉर्पस फंड का निर्माण होता है और इसका इस्तेमाल विस्तार गतिविधियों में किया जाता है। इस मौके पर पहली बार शिव नाडर फाउंडेशन की सालाना रिपोर्ट भी जारी की गई। यह रिपोर्ट अब हर साल जारी होगी। नाडर के मुताबिक इसका मकसद निजी चैरिटी में ग्लोबल गवर्नेस मानकों को लागू करना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.