10 दिन बाकी: GST लागू होने से पहले जानिए तैयारियां और चुनौतियां
वस्तु एवं सेवाकर का एक जुलाई से लागू किया जाना लगभग तय माना जा रहा है
नई दिल्ली (शुभम शंखधर)। मंगलवार को वित्त मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद यह स्पष्ट हो गया कि 1जुलाई से देश में गुड्स एंड सर्विस (जीएसटी) टैक्स लागू कर दिया जाएगा, यानी अब जीएसटी लागू होने में सिर्फ 10 दिन का समय बाकी है। लेकिन इस बड़े कर सुधार के लिए हम कितने तैयार हैं और क्या चुनौतियां है? यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब फिलहाल व्यापारी और चार्टर्ड अकाउंटेंट दोनों ढूंढ रहे हैं। अपनी इस रिपोर्ट में हमने जीएसटी के सफल क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाने वाले व्यापारी वर्ग और चार्टर्ड अकाउंटेंट से बात कर उनकी तैयारियों और चुनौतिंयों को जानने की कोशिश की है।
पहले व्यापारियों का हाल
दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा के मुताबिक छोटे व्यापारियों के लिए जीएसटी को लागू कर पाना चुनौतीपूर्ण होगा। उन्होंने बताया कि ज्यादातर व्यापारियों ने अपना माइग्रेशन करवा लिया है और नई बिल बुक छपवा ली है। लेकिन हर रोज के इन्वॉयस की एंट्री कैसे होगी, जीएसटी के बाद बचे स्टॉक का क्या होगा यह सब ऐसे सवाल हैं जो अभी भी व्यापारियों के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अभी बहुत सारे व्यापारी अपने बहीखातों को मैन्युली मेंटेंन करते थे लेकिन जीएसटी के बाद टेक्नोलॉजी पर निर्भरता बढ़ जाएगी। मसलन, बिलों की एंट्री, रिटर्न फाइलिंग,टैक्स इनपुट क्रेडिट आदि का लेखाजोखा सॉफ्टवेयर के माध्यम से रखना अनिवार्य हो जाएगा। साथ ही टैक्स के नोटिस ई-मेल या एसएमएस के जरिए मिलेंगे, जिनका जवाब भी व्यापारियों को ई-मेल से ही देना होगा। इस तरह की चीजें छोटे व्यापारियों के लिए निश्चित तौर पर मुश्किल होंगी। ऐसे में व्यापारियों की यह मांग भी है कि शुरुआती महीनों में व्यापारियों से गलती हो जाने पर पेनल्टी का प्रावधान न हो।
कन्फेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक व्यापारी वर्ग सरकार की ओर से पहले दो महीने रिटर्न फाइलिंग में दी गई छूट का स्वागत करता है। ऐसे में व्यापारियों को जीएसटी कानून को समझने और इसके सफल क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार से व्यापारियों की मांग पहले 6 महीने के लिए ई-वे बिल को स्थगित करने की है। आपको बता दें कि ई-वे बिल पर फिलहाल सरकार ने फौरी तौर पर राहत देने के संकेत दिये हैं।
चार्टर्ड अकाउंट कितने तैयार?
1 जुलाई से देशभर में जीएसटी के क्रियान्वयन में चार्टर्ड अकाउंटेंट की भूमिका अहम होगी। लेकिन इस बड़े कर सुधार से पहले खुद चार्टर्ड अकाउटेंट ही असमंजस में हैं। बिजनेस एक्सपर्ट और चार्टर्ट अकाउंटेंट अमित आजाद के मुताबिक जीएसटी के अनुपालन को लेकर अभी बहुत स्पष्टता नहीं है। उनके मुताबिक माइग्रेशन का काम मोटे तौर पर पूरा किया जा चुका है लेकिन जीएसटी के बाद कैसे रिटर्न फाइल की जाएगी इस पर कोई स्पष्टता नहीं है। सरकार की ओर से रिटर्न फाइलिंग में दी गई दो महीने की ढ़ील को ट्रायल पीरियड के तौर पर लिया जा सकता है, जिसमें अकाउंटिंग, फाइलिंग आदि पर स्पष्टता आएगी। अमित के मुताबिक सर्विस सेक्टर की कंपनियों के लिए जीएसटी के क्रियान्वन को समझना ज्यादा मुश्किल होगा क्योंकि यहां रोजाना बिलिंग नहीं होती, ऐसे में किस तरह सर्विस सेक्टर की कंपनियां अपने रिटर्न फाइल करेंगी यह देखना होगा।
आपको बता दें कि वैट और सर्विस टैक्स के मौजूदा रजिस्ट्रेशन को जीएसटी में माइग्रेट कराने की प्रक्रिया लगभग पूरी की जा चुकी है। सरकारी आंकड़ो़ं की माने तो जीएसटी के अंतर्गत करीब 65 लाख संस्थाएं अपने को रजिस्टर करवा चुकी हैं। मोटे तौर पर सर्विस टैक्स और वैट के 80 फीसद रजिस्ट्रेशन माइग्रेट हो चुके हैं। साथ ही बचे हुए रजिस्ट्रेशन के लिए माइग्रेशन की प्रक्रिया 25 जून से दोबारा खुली जा रही है।
टेक्नोलॉजी बड़ी चुनौती
ई मुंशी डॉट कॉम के फाउंडर और चार्टर्ड अकाउंटेंट अंकित गुप्ता के मुताबिक जीएसटी के लागू होने के बाद सबसे बड़ी चुनौती टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर की होगी। अंकित ने बताया कि माइग्रेशन के दौरान भी कई बार सर्वर पर लोड की वजह से जीएसटी पोर्टल ठप होने जैसी दिक्कतें सामने आईं थी। ऐसे में पूरे देश में एक साथ जीएसटी के रिटर्न और बिलों की एंट्री के लिए जीएसटी नेटवर्क कितना तैयार है यह देखना होगा। अंकित के मुताबिक जीएसटी के सफल क्रियान्वन के लिए यह जरूरी है कि जीएसटी नेटवर्क को पुख्ता तरीके से तैयार किया जाए।
बीते हफ्ते एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल ने वित्त मंत्री से जीएसटी के लागू करने की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की थी। उनका तर्क था कि आईटी से जुड़ी समस्याओं के चलते अभी सभी व्यापारी अपना माइग्रेशन नहीं करा पाए हैं। साथ ही जीएसटीएन को पूरी तरह से तैयार करके टेस्ट नहीं किया गया है। डी एस रावत रजिस्ट्रेशन और माइग्रेशन के दौरान सर्वर अंडर मेंटीनेंस जैसे मैसेज यह सवाल खड़ा करते हैं कि पूरे देश में जीएसटी लागू करने के लिए आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर कितना तैयार है।
1 जुलाई से जीएसटी लागू होना तय
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए स्पष्ट कर दिया कि जीएसटी को 1 जुलाई से ही देशभर में लागू कर दिया जाएगा। देश के राष्ट्रपति 30 जून की रात को जीएसटी लॉन्च करेंगे। इसको लागू करने के लिए सरकार ने संसद के सेंट्रल हाल में एक भव्य आयोजन की तैयारी की है जिसमें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जीएसटी काउंसिल के मेंबर (राज्यों के वित्त मंत्री), सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, लोक सभा स्पीकर, देश के सभी सांसद और दो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा प्रमुख रुप से मौजूद रहेंगे। यह कार्यक्रम रात देर रात तक चलेगा। इस कार्यक्रम के दौरान दो शार्ट फिल्म भी दिखाई जाएंगी।