GST Council Meeting: 1 मार्च 2020 से लॉटरी पर 28 फीसद की दर से लगेगा एकसमान टैक्स, जानिए बैठक में लिए गए प्रमुख फैसलों का ब्योरा
GST Council Meeting जीएसटी परिषद के गठन के बाद पहली बार लॉटरी के मुद्दे को लेकर मत विभाजन की नौबत पड़ी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने बुधवार को पहली बार किसी मुद्दे पर फैसला लेने के लिए मतदान का सहारा लिया। दरअसल, लॉटरी पर टैक्स को लेकर ऐसा किया गया। इस मुद्दे पर बहुमत से लॉटरी पर 28 फीसद की एक समान दर से जीएसटी लगाने का निर्णय हुआ। रेवेन्यू सेक्रेटरी इससे पहले परिषद की 37 बैठकों में एकमत से निर्णय लिए जाते रहे। इस फैसले से एक मार्च 2020 से लॉटरी महंगी हो जाएगी। अभी लॉटरी पर कराधान में दो तरह की व्यवस्था है। इसके तहत राज्य की लाटरी की राज्य में बिक्री पर 12 फीसद और राज्य के बाहर की बिक्री पर 28 फीसद की दर से जीएसटी लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि 21 राज्यों ने 28 फीसद की दर से जीएसटी लगाने का समर्थन किया, जबकि सात राज्यों ने इसका विरोध किया।बैठक में जीएसटी परिषद ने उन सभी करदाताओं के लिए देर से शुल्क माफ करने का निर्णय लिया है, जिन्होंने जीएसटीआर 1 दायर किया है। अगर सभी रिफंड 10 जनवरी 2020 तक दायर किए जाते हैं तो शुल्क माफ किया जाएगा। बैठक में परिषद ने जीएसटीआर 9 दाखिल करने की समय सीमा 31 जनवरी 2020 तक बढ़ा दी है। रेवेन्यू कलेक्शन की चिंताओं के बीच इस बात की उम्मीद की जा रही थी कि सरकार GST रेट बढ़ा सकती है। हालांकि सरकार ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है।
मालूम हो कि लॉटरी उद्योग लंबे समय से 12 फीसद की दर से एकसमान कर लगाने और पुरस्कार की राशि को करमुक्त करने की मांग कर रहा था। उसका कहना था कि दोहरे कर से लॉटरी उद्योग की वृद्धि पर असर पड़ रहा है। जीएसटी परिषद की यह अहम बैठक देश में राजस्व में भारी कमी की चिंताओं के बीच हुई।
Revenue Secretary AB Pandey on 38th GST Council meeting held today: It has been decided to levy single rate of Goods and Services Tax (GST) that is 28% on both state run and state authorized lottery. The new rate shall be effective from 1st March 2020. pic.twitter.com/jHu5CEathZ — ANI (@ANI) December 18, 2019
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया है कि सीतारमण की अध्यक्षता में हुई बैठक में वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री एवं केंद्र एवं राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
जीएसटी परिषद की इस बैठक में रेवेन्यू बढ़ाने, तकनीक के इस्तेमाल से जीएसटी प्रणाली को बेहतर बनाने सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके अलावा परिषद में राजस्व में वृद्धि को लेकर सुझाए गए कई विकल्पों पर भी चर्चा हुई। जीएसटी परिषद ने इससे पहले राज्य सरकारों को पत्र लिखकर जीएसटी दरों और स्लैब की समीक्षा और अप्रत्यक्ष कर के जरिए कमाई बढ़ाने के लिए उठाये जाने वाले कदमों पर अपनी राय देने को कहा था।
#JustIn: #GSTCouncil votes for first time, decides uniform rate for lotteries pic.twitter.com/MF3ujTHERG
— IANS Tweets (@ians_india) December 18, 2019
इससे पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए जीएसटी दरों में वृद्धि कर सकती है। हालांकि, मुद्रास्फीति के हालिया आंकड़ों से ये कयास थोड़े कमजोर पड़ गए क्योंकि खुदरा महंगाई दर नवंबर में तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने जीएसटी दरों में वृद्धि के खिलाफ अपनी राय दी थी।