GST का सालाना रिटर्न फॉर्म कर चोरी की निगरानी में करेगा मदद: एक्सपर्ट
सामान्य टैक्सपेयर के लिए एनुअल रिटर्न फॉर्म (GSTR-9) और कंपोजीशन स्कीम लेने वाले टैक्सपेयर के लिए फॉर्म (GSTR-9A) को भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। हाल ही में जारी किया गया नया एनुअल जीएसटी रिटर्न फॉर्म राजस्व विभाग की ओर से करदाताओं के तमाम वित्तीय लेनदेन की परख करते हुए कर चोरी की पड़ताल करने में मदद करेगा। विशेषज्ञों का कुछ ऐसा ही मानना है।
वित्त मंत्रालय ने ऐसे बिजनेस के लिए एनुअल टैक्स रिटर्न फॉर्म नोटिफाई किया है जो कि जीएसटी के अंतर्गत रजिस्टर्ड हैं, जिसमें सेल्स डिटेल पर्चेस एंड इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) जिसका लाभ उन्हें वित्त वर्ष 2017-18 के लिए दिया जाना है का समेकित तरीके से विवरण उपलब्ध करवाया जाता है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि सामान्य टैक्सपेयर के लिए एनुअल रिटर्न फॉर्म (GSTR-9) और कंपोजीशन स्कीम लेने वाले टैक्सपेयर के लिए फॉर्म (GSTR-9A) को भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है। वस्तु एवं सेवा कर जिसने 17 तरह के अप्रत्यक्ष करों को खत्म कर दिया है को 1 जुलाई 2017 को देशभर में लागू कर दिया गया था।
लक्ष्मीकुमारन एंड श्रीधरन जो कि एक लॉ फर्म है के मैनेजिंग पार्टनर वी लक्ष्मीकुमारन ने बताया, "एनुअल टैक्स रिटर्न करदाताओं की ओर से भरे जाने वाले मासिक रिटर्न का एकीकरण है और यह राजस्व विभाग के सामाने वित्तीय लेनदेन को पूरी तरह सामने लाने का काम करेगा। यह पर अतिरिक्त इनपुट क्रेडिट का दावा करने की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।"
उन्होंने आगे कहा कि राजस्व विभाग के पास व्यापार और उद्योग का विशाल डेटा होगा और विभाग के लिए इनपुट कर क्रेडिट दावों और अंतिम कर भुगतान के संबंध में विसंगतियों को ढूंढना आसान होगा।