कोयले की कोई कमी नहीं, लेकिन दिल्ली सरकार पावर डिस्ट्रीब्यूशन को सुधारे: पीयूष गोयल
आप सरकार ने पिछले हफ्ते केंद्र को पत्र लिखकर कहा था कि दिल्ली के बिजलीघरों में कोयले के तेजी से घटते भंडार के कारण बिजली संकट की स्थिति बन रही है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। शहर स्थित थर्मल प्लांट में कोयले की किल्लत को नकारते हुए कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि आप नीत दिल्ली सरकार को मौजूदा एवं भविष्य की बिजली मांग को पूरा करने के लिए वितरण ढांचे को मजबूत बनाने पर जोर देना चाहिए।
आप सरकार ने पिछले हफ्ते केंद्र को पत्र लिखकर कहा था कि दिल्ली के बिजलीघरों में कोयले के तेजी से घटते भंडार के कारण बिजली संकट की स्थिति बन रही है। गोयल ने पत्रकारों को बताया, “आज दिल्ली में न तो कोयले की कोई समस्या है और न ही इलेक्ट्रिसिटी की। दिल्ली सरकार को 6,500 से 7,000 मेगावाट की मौजूदा और भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए वितरण संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना चाहिए।”
यह बताते हुए कि कोयला मंत्रालय में और कोल इंडिया ने सुनिश्चित किया है कि दिल्ली में एक दिन भी बिजली की समस्या न हो। उन्होंने कहा कि हर प्लांट को कोयला उपलब्ध करवाया जा रहा है। गोयल ने कहा, “सभी तीन बिजलीघरों में कोयले का भंडार है और करीब 30-35 रैक दिल्ली के बिजलीघरों के लिये रास्ते में हैं।”
बैंक प्रमुखों से मुलाकात करेंगे पीयूष गोयल, NPA के रेजोल्यूशन स्ट्रक्चर पर होगी चर्चा
कार्यवाहक वित्तमंत्री पीयूष गोयल आज बैंक प्रमुखों से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में 'सशक्त परियोजना' के तहत सुझाई गई एक अंतर-ऋण संरचना पर चर्चा की जाएगी ताकि बैंकिंग प्रणाली में फंसे हुए कर्ज के समाधान में तेजी लाई जा सके।
सूत्र के मुताबिक इस बैठक में इंटर क्रेडिटर एग्रीमेंट स्ट्रक्चर को औपचारिक रूप दिया जा सकता है जैसा कि पांच-प्रोजेक्ट 'परियोजना सशक्त' में सुझाया गया है। इस बैठक का आयोजन इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) और इंटर क्रेडिटर एग्रीमेंट की ओर से किया गया है, में उस ढांचे की रुपरेखा तैयार होगी जिसके अंतर्गत कंसोर्टियम एनपीए के मामलों को उठाएगा।