नोटबंदी के लिए सरकार ने की थी तैयारी,नोटबंदी को लूट कहना गलत: जेटली
वित्त मंत्री का कहना है कि नोटबंदी एक परिवर्तनकारी फैसला था और अब हम कैशलैस इकोनॉमी की तरफ बढ़ रहे हैं
नई दिल्ली (जेएनएन)। नोटबंदी को एक साल पूरा होने की पूर्व संध्या पर एक प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए नोटबंदी का फैसला एक जरूरी कदम था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के परिणाम से सरकार खुश है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान कालेधन के खिलाफ कोई भी कदम नहीं उठाया।
उन्होंने कहा कि साल 2014 से पहले देश पॉलिसी पैरालिसिस के ग्रसित था और कांग्रेस सरकार ने कालेधन को लेकर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया था। उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि नैतिकता के आधार पर लिए गए फैसले को लूट कहना गलत है।
जेटली ने कहा कि नोटबंदी एक परिवर्तनकारी फैसला था और अब हम कैशलैस इकोनॉमी की तरफ बढ़ रहे हैं। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने पूरी तैयारी से नोटबंदी को लागू किया था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद न सिर्फ टैक्स चोरी में कमी आई है बल्कि बड़े नोटों के प्रचलन में कमी आई है। साथ ही बैंकों में नकदी की मात्रा में भी इजाफा हुआ है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कैश कम होने से भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि साल 2014 से भारत की इकोनॉमी पर दुनिया का भरोसा बढ़ा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का मकसद देश को लेसकैश और फॉर्मल इकोनॉमी की तरफ ले जाना है। गौरतलब है कि नोटबंदी का फैसला केंद्र सरकार ने बीते साल 8 नवंबर 2016 को लिया था। कल इस फैसले को 1 साल पूरा होने जा रहा है। इस फैसले के चलते 9 नवंबर 2016 से ही उस वक्त बाजार में प्रचलित कुल करेंसी का 86 फीसद (500 और 1000 रुपए के नोट) हिस्सा अमान्य हो गया था।
और क्या बोले जेटली
- कल बीजेपी काला धन विरोधी दिवस मनाएगी
- नोटबंदी का मकसद कैश लेनदेन कम करना था
- नए नोट छपने में 7965 करोड़ रुपये का खर्च आया था
- नोटबंदी के बाद देश की अर्थव्यवस्था में सुधार आया है
- पिछले एक साल में म्युचुअल फंड में निवेश और डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ा है
- कालेधन से करदाताओं को नुकसान
- नोटबंदी के बाद बैंकों में आया कैश
- नोटबंदी एक बड़ी प्रक्रिया का हिस्सा था