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सरकार कर्मचारियों की पेंशन प्रणाली में बदलाव को तैयार, वित्त सचिव की अध्यक्षता में होगा कमेटी का गठन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों से जुड़ी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की बेहतरी के लिए केंद्र सरकार को कई प्रस्ताव मिले हैं। उन्होंने कहा कि पेंशन प्रणाली की बेहतरी का ऐसा समाधान निकाला जाएगा जिसे केंद्र और राज्य दोनों अपना सके।

By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarPublished: Sat, 25 Mar 2023 10:54 AM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2023 10:54 AM (IST)
सरकार कर्मचारियों की पेंशन प्रणाली में बदलाव को तैयार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अब केंद्र सरकार भी सरकारी कर्मचारियों की पेंशन प्रणाली में बदलाव के लिए तैयार दिख रही है। यही वजह है कि शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोक सभा में वित्त विधेयक 2023 को पेश करने के दौरान इस संबंध में बड़ा एलान किया।

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वित्त सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का प्रस्ताव

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों से जुड़ी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की बेहतरी के लिए केंद्र सरकार को कई प्रस्ताव मिले हैं। उन्होंने कहा कि पेंशन के इस मामले पर विचार और पेंशन प्रणाली की बेहतरी का समाधान निकालने के लिए वह वित्त सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखती हैं। यह कमेटी इन बातों पर विचार करने के दौरान कर्मचारियों की जरूरतों के साथ वित्तीय स्थिति का भी ध्यान रखेगी ताकि आम नागरिक की भी रक्षा की जा सके।

केंद्र और राज्य अपना सकेंगे पेंशन प्रणाली की बेहतरी का समाधान

निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि पेंशन प्रणाली की बेहतरी का ऐसा समाधान निकाला जाएगा, जिसे केंद्र और राज्य दोनों अपना सके। लोक सभा में वित्त मंत्री के इस बयान ने वित्तीय जानकारों को आश्चर्य में डाल दिया, क्योंकि केंद्र सरकार लगातार कुछ राज्य सरकार की तरफ से फिर से ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को बहाल करने का विरोध कर रही थी। ऐसे में यह बदलाव ओल्ड पेंशन स्कीम की तरह जबरदस्त वित्तीय भार देने वाला नहीं होगा।

वित्त विधेयक भी पारित

इस बड़ी घोषणा के बाद लोक सभा में 60 से अधिक संशोधन के साथ वित्त विधेयक 2023 को पारित कर दिया गया। इसके साथ ही लोक सभा को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

वित्त विधेयक की महत्वपूर्ण बातें

  • 7.27 लाख तक की आय पर नहीं लगेगा टैक्स - बजट में सरकार ने घोषणा की थी कि टैक्स की नई प्रणाली के तहत सात लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन अगर किसी की आय सालाना 7,00100 रुपये हो जाएगी तो उसे 25,010 रुपये का टैक्स देना होगा। मतलब सात लाख रुपये की छूट सीमा से मात्र 100 रुपये की आय बढ़ने पर 25,010 रुपये का टैक्स देना होगा। इसलिए अब यह नियम लाया गया है कि सात लाख से ऊपर की आय अगर उस पर लगने वाले टैक्स से कम है तो कोई टैक्स नहीं देना होगा। वित्तीय जानकारों के मुताबिक इस प्रकार अब 7,27,700 रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
  • डेट म्युचुअल फंड की टैक्स दरों में बदलाव- अगर म्युचुअल फंड का 35 फीसद से अधिक निवेश डेट फंड में नहीं है तो उससे होने वाली आय पर शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दर से टैक्स लगेगा। वित्तीय जानकारों का कहना है कि इससे म्युचुअल फंड के प्रति लोगों का आकर्षण कम होगा।
  • वित्त विधेयक में जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल की स्थापना की भी मंजूरी दे दी गई। अब नए वित्त वर्ष में जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल की स्थापना में कोई रोड़ा नहीं रहेगा।
  • विदेशी कंपनियों को टेक्निकल फीस पर होने वाली कमाई पर अब 10 फीसद की जगह 20 फीसद की दर से टैक्स लगेगा।
  • विदेशी यात्रा के दौरान क्रेडिट कार्ड से होने वाले भुगतान को लिबर्लाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत माना जाएगा। रिजर्व बैंक इस मामले को देखेगा, ताकि विदेशी यात्रा के दौरान क्रेडिट कार्ड से होने वाले भुगतान पर टैक्स एट सोर्स की व्यवस्था हो सके
  • ऑनलाइन गेमिंग एप्लीकेशंस पर आगामी एक अप्रैल से ही टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (टीडीएस) व्यवस्था लागू होगी। बजट में आगामी एक जुलाई से यह व्यवस्था लागू करने की घोषणा की गई थी।
  • सेल ऑफ ऑप्शन पर लगने सिक्युरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) को बढ़ाकर 25 फीसद कर दिया गया। एक करोड़ के सेल ऑफ आप्शन पर अब 6250 रुपए एसटीटी देना होगा। अब तक 5000 रुपये देना पड़ता था।

 


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