स्वतंत्र निदेशकों का डाटाबेस बनाने की तैयारी में सरकार
चौधरी के अनुसार कंपनी एक्ट के सेक्शन 150 के तहत स्वतंत्र निदेशकों का डाटाबेस बनाना सरकार की जिम्मेदारी है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार कंपनियों के स्वतंत्र निदेशकों का डाटाबेस बनाने के बारे में विचार कर रही है। कंपनी मामलों के राज्य मंत्री पी. पी. चौधरी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि स्वतंत्र निदेशक ही कंपनियों में कॉरपोरेट गवर्नेस सुनिश्चित करते हैं।
चौधरी गुरुग्राम के मानेसर में आयोजित के कार्यक्रम में बोल रहे थे। सरकारी बैंकों और उपक्रमों में हाल में नियुक्त किये गये स्वतंत्र निदेशकों के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट एफेयर्स (आइआइसीए) ने दो दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया था। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में चौधरी ने कहा कि स्वतंत्र निदेशकों को ही कंपनी में निगरानी करनी होती है। ऐसे में उन्हें हितों के टकराव और प्रबंधकीय स्तर पर वेतन पैकेज जैसे मसलों पर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। कंपनी के हित में स्वार्थो के टकराव पर न्यायसंगत तरीके से देखना चाहिए।
चौधरी के अनुसार कंपनी एक्ट के सेक्शन 150 के तहत स्वतंत्र निदेशकों का डाटाबेस बनाना सरकार की जिम्मेदारी है। अब सरकार इस सेक्शन को लागू करने के बारे में गंभीरता से विचार कर रही है। इसके लिए सरकार आइआइसीए की विशेषज्ञता का इस्तेमाल करने पर भी सोच रही है।
अवैध रूप से कंपनी से पैसा निकालने जैसी गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार 2.26 लाख निष्क्रिय कंपनियों का पंजीकरण रद कर चुकी है और तीन लाख निदेशकों को अयोग्य घोषित कर चुकी है। चौधरी ने कहा कि कई कंपनियां अवैध गतिविधियों में संलिप्त हैं। अगर सरकारी कंपनियों के स्वतंत्र निदेशकों की तरह प्राइवेट कंपनियों में भी सजगता बरती जाए तो ऐसा नहीं हो पाएगा।