नेशनल ई-कॉमर्स पॉलिसी की तैयारी कर रही है सरकार
वाणिज्य सचिव रीता तेवतिया ने कहा कि ई-कॉमर्स के मोर्चे पर हमें एक व्यापक नीति की दरकार है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार ने आज एक राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति को मुद्दा बनाने के साथ ही इस क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक कानूनी ढांचे पर जोर दिया। साथ ही सरकार ने यह भी कहा कि वैश्विक मंच पर बिजनेस टू कंज्यूमर स्पेस में अवसरों को महसूस भी किया जाना चाहिए।
ई-कॉमर्स पर एक वर्कशॉप को आयोजित करते हुए वाणिज्य सचिव रीता तेवतिया ने कहा, “हमारे लिए सबसे अहम यह है कि नीति निर्माता और हितधारक जो कि सबसे अंतिम छोर के प्राप्तकर्ता हैं....हमारे पास राष्ट्रीय स्तर की ई-कॉमर्स नीति नहीं है और हमारे पास इससे जुड़े ढांचे को कानूनी रूप से संभालने के लिए भी कोई तंत्र नहीं है। इसलिए हम ई-कॉमर्स पर ध्यान दे रहे हैं...हमें एक व्यापक नीति की दरकार है, जिसमें काफी सारे हिस्से समाहित हों ताकि हम अवसरों को पहचान कर उनका उपयोग कर पाएंगे।”
उन्होंने कहा कि वाणिज्य विभाग बी2सी ई-कॉमर्स स्पेस से जुड़े एक मुद्दे से जूझ रहा था क्योंकि सरकार के भीतर काफी सारे नीति निर्माता और नियामक हैं जैसे कि आईटी विभाग, औद्योगिक नीति विभाग, राजस्व विभाग और आरबीआई। उन्होंने कहा कि इस लिहाज से देखा जाए तो सरकार के भीतर ही काफी सारे प्लेयर हैं और इन सभी को एक मंच पर लाए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) संयुक्त राष्ट्र और यूएनसीटीएडी की तरह नहीं है। जब आप विश्व व्यापार संगठन में जाते हैं तो आप व्यापार के वैश्विक नियमों के बारे में बात कर रहे होते हैं और जब आप वैश्विक नियमों की बात करते हैं तो आपको तैयार रहना चाहिए।”