साइबर खतरों से सबसे ज्यादा नुकसान बैंकों को: सरकारी अधिकारी
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि बैंकों को अपने सॉफ्टवेयर को और मजबूत करने की जरूरत है क्योंकि वो साइबर हमले के लिहाज से काफी कमजोर हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश की बैंकिंग प्रणाली को साइबर सुरक्षा से उत्पन्न जोखिमों एवं चुनौतियों का समाधान करने के लिए और तकनीक को अपनाने के दौरान आने वाली अड़चनों से निपटने के लिए खुद को तैयार करने की आवश्यकता है। यह जानकारी एक सरकारी अधिकारी ने दी है। साथ ही अधिकारी ने यह भी कहा कि बैंकों को अपने सॉफ्टवेयर को और मजबूत करने की जरूरत है क्योंकि वो साइबर हमले के लिहाज से काफी कमजोर हैं।
पीएमओ में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (कोऑर्डिनेटर) गुलशन राय ने बताया, "हमें सुरक्षा संबंधी चुनौतियों एवं तकनीक से जुड़ी जोखिमों एवं व्यवधान संबधी चुनौतियों से निपटने के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत है।" उन्होंने यह बात आईबीए की तरफ से आयोजित बैंकिंग प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।
राय ने कहा कि बैंकों को अपनी प्रणाली क्षमताओं के आधार पर विकास और बदलाव संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए तेजी से आगे बढ़ना होगा, ताकि वो प्रौद्योगिकी से उत्पन्न किसी भी जोखिम से निपटने की क्षमता विकसित कर सकें। उन्होंने कहा, "हम एक ऐसी दुनिया में हैं जहां हम अगली पीढ़ी के उत्पादों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अगली पीढ़ी का है।"